मनोरमा जोशी
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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मेरा पता पूछकर,
मुझकों अपमानित,
मत करना।
छलक जायगा,
दुखः का मनघट,
दुखित न
मन को करना।
दिन अपने कट,
जाते हंसकर,
सो जाता रातों,
को रोकर,
मैं होटल का
नौकर।
दुखः के घूंट,
निगलकर अपने,
आंसू पी लेता हूँ,
फटकारों से फटा,
हुआ दिल हँसकर,
मै सी लेता हूँ,
साहस है मुझमें,
जीने का झूठे,
बर्तन धोकर,
मै होटल का
नौकर।
तुम्हीं बताओं उम्र है,
मेरी ललकारें सुनने की,
मैले फटे पुराने कपडे़,
पहनू मै नित धोकर,
मै होटल का
नौकर।
किसी चमन
का साथी,
फूल बना हूँ,
जीवन की बहती,
धारा का फूल बना हूँ,
धुतकारों या
पुचकारो तुम
तुमकों है
अधिकार सभी,
मुझको पता नहीं है,
कब किसने छोड़,
दिया है बोकर,
मै होटल का
नौकर।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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