अर्चना तिवारी “अभिलाषा”
रामबाग, (कानपुर)
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किन शब्दों से करूँ
माँ का गुणगान ।
सृष्टि की जो है शोभा,
है रत्नों की खान।।
जिसकी ममता से
सुरभित होता
सकल यह संसार।
शाश्वत प्रेम से परिपूरित
जिसका हृदय महान।।रक्त की बूँदों को कर
संयोजित बनती सृजन हार।
पल्लवित होता बीज अंतस में
होता चमत्कार।।
अपने स्नेहिल वात्सल्य से
जब उसका पोषण करती है ।
वह पुष्प कुसुमित होता
पाता मां का दुलार।।माँ की महिमा का
कोई नहीं है पार।
माँ के हाथों होता है
बच्चों का उद्धार।।
दुष्कर राहों में बन
जाती सहारा,
जब बीच भंवर में
फंसती है नाव की पतवार।लबों पर जिसके हर पल
दुआएं सजती हैं।
साँची प्रीति हृदय में जिसके
हर पल ही पलती है।
हृदय में सच्ची आस लिए प्रतिपल
बच्चों का चिंतन करती है।।माँ ईश्वर का है अनमोल उपहार
चरणों में जिसके स्वर्ग का द्वार….
आदर्श व त्याग की ये प्रतिमूर्ति
करूँ मैं वंदन बारंबार
परिचय :- अर्चना तिवारी “अभिलाषा”
पिता : स्वर्गीय जगन्नाथ प्रसाद बाजपेई
माता : श्रीमती रानी बाजपेयी
पति : श्री धर्मेंद्र तिवारी
जन्मतिथि : ४ जनवरी
शिक्षा : एम ए (राजनीति शास्त्र) बी लिब- राजर्षि टंडन ओपेन यूनिवर्सिटी-प्रयागराज
निवासी : रामबाग, (कानपुर)
अभिरुचि : आध्यात्मिक व साहित्यिक पुस्तकों का अध्ययन व लेखन
साहित्यिक उपलब्धियाँ : साहित्य संगम संस्थान द्वारा प्रकाशित एकल पुस्तक-काव्यमेध, साझा संग्रहों में रचनाएं प्रकाशित, मासिक ई पत्रिका में श्रेष्ठ सृजन हेतु कविताएं व आलेख प्रकाशित।
सम्मान : अम्रता प्रीतम कवियित्री सम्मान, नारी गौरव सम्मान २०२१, हिंदी प्रेरणा सम्मान, साहित्य मार्तंड सम्मान, साहित्य संगम सम्मान, जन चेतना सम्मान, शब्द साधक सम्मान, अलकनंदा सम्मान, साहित्य ज्योति सम्मान, छंद सम्राज्ञी सम्मान, काव्य सेतु सम्मान, आंचलिक साहित्यकार सम्मान, फणीश्वरनाथ रेणु सम्मान, हिंदी साहित्य गौरव सम्मान, दोहा विज्ञ सम्मान, साहित्य साधक सम्मान, दोहा धुरंधर सम्मान, दोहा सृजन सरोवर सम्मान, दोहा रचनाकार मंच तथा दोहा दर्पण द्वारा आयोजित दैनिक सृजन में श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, वैश्विक हिंदी संस्थान ह्यूस्टन यू एस ए द्वारा आयोजित अंतराष्ट्रीय काव्य गोष्ठी मेरा भारत में कविता पाठ करने में प्रशस्ति-पत्र द्वारा सम्मानित। विभिन्न विषयों पर आधारित रचनाओं के लिये अनेकों ऑनलाइन दैनिक सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान तथा मंचों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भी सम्मानजनक स्थान प्राप्त।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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