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ममता की मुरत

कु. आरती सिरसाट
बुरहानपुर (मध्यप्रदेश)

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ममता की मुरत है….!
प्यारी सी
जिसकी सुरत है….!!
पल पल रहती
जिसकी जरूरत है….!!!
माँ से ही तो दुनिया
ये इतनी खूबसूरत है….!!!!

त्याग की देवी
जिसे हम कहते है….!
साये में जिसके
हम रहते है….!!
संतान के दर्द में आँसू
जिसके बहते है….!!!
सम्भाल कर रखना
तुम उसे, अनमोल है माँ,
हम कहते है….!!!!

करूणा का
बहता सागर है….!
जीवन का
रहता सार है….!!
प्रभु का कहता
विस्तार है….!!!
माँ से ही बनता
ये संसार है….!!!!

पवन में पुरवाई है….!
राग में जो सहनाई है….!!
लक्ष्मी का रूप
लेकर आई है….!!!
संग अपने खुशियों की
सौगात लाई है….!!!!

परिचय :- कु. आरती सुधाकर सिरसाट
निवासी : ग्राम गुलई, बुरहानपुर (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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