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कह रही हूँ कुछ अपने बारें में

आयुषी दाधीच
भीलवाड़ा (राजस्थान)

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कह रही हूँ,
कुछ अपने बारें में
तुम सुनना मुझे कुछ यूँ,
खामोश हो के भी,
खामोश ना होना तुम,
मेरे हर लफ्ज को,
अपनी रूह से लगाना तुम,
कह रही हूँ,
कुछ अपने बारें में
तुम सुनना मुझे कुछ यूँ।।

थोड़ी सी चंचल हु मैं,
नटखट और
मस्तीखोर भी हु मैं,
हर बात पर
गुस्सा करने वाली हु मैं,
अपनी ही धुन मे
रहने वाली हु मैं,
कह रही हूँ,
कुछ अपने बारें में
तुम सुनना मुझे कुछ यूँ।।

चेहरे पर मुस्कान
लिए फिरती हु मैं,
दिल में एहसास
लिए फिरती हु मैं,
चाहती हु इस जहाँ में
पंख फैलाना,
मंजिल को पाने की
कशमकश है अभी जारी,
कह रही हूँ,
कुछ अपने बारें में
तुम सुनना मुझे कुछ यूँ।।

यूँ ही कुछ लिखते
रहना पसंद है मुझको,
तुम सुनो तो, सुनाना
पसंद है मुझको,
यूँ ही हल्के से मुस्कुराना
पसंद है मुझको,
पर किसी का डांटना,
मुझको पसंद नहीं है,
कह रही हूँ,
कुछ अपने बारें में
तुम सुनना मुझे कुछ यूँ।।

परिचय :-  आयुषी दाधीच
शिक्षा : बी.एड, एम.ए. हिन्दी
निवास : भीलवाड़ा (राजस्थान)
उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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