Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

आओ पुस्तक पढ़ें … जिंदगी गढ़ें …

धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
बालोद (छत्तीसगढ़)
********************

पुस्तक पढ़ना जिंदगी गढ़ना
हमें महकना सिखाती हैं..
आगे ही बढ़ना संघर्ष करना
हमें सॅंवरना सिखाती है ..

नई किरणें लेकर बिखरना
नई उम्मीदें जगाती हैं..
नई आशाएं लेकर निखरना
परिभाषाएं बतलाती हैं..

चिंता न कर चिंतन करना
चेतना चित में जगाती हैं..
चिरसम्मत सद्कर्म गढ़ना
चिरायु स्मृति ये दर्शाती हैं..

जीवन उपवन सा महकना
चेहरों पे मुस्कान लाती हैं..
वनों जैसे आच्छादित होना
पर्यावरण संदेश बताती हैं..

कलकल कर नदियां बहना
अनवरत ये गीत गाती हैं..
कलरव कर पंछी चहकना
संगीत लयबद्ध भाती हैं..

हिसाब करना किताबें पढ़ना
जाॅब का चयन कराती हैं..
पढ़ लिखकर गुणवान बनना
आदर्श पथ पर चलाती है..

परिचय :- धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
निवासी : भानपुरी, वि.खं. – गुरूर, पोस्ट- धनेली, जिला- बालोद छत्तीसगढ़
कार्यक्षेत्र : शिक्षक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *