अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
********************
पापी, कामुक बने भेड़िए,
नहीं सुरक्षित बालाएं।
नीच, अधर्मी, पापाचारी,
पहने फिरते मालाएं।घर में नहीं सुरक्षित बेटी,
यही शिकायत जन-जन से।
जिंदा नोंच रहे हैं उस को,
जो अबोध है तन-मन से।जीभ काट लो हत्यारे की,
पापी अत्याचारी की।
जिसने दशा बना डाली है,
कामुक हो, बेचारी की।हाथ काट कर करो निहत्था,
दुष्टों और जाहिलों को।
करो समूल नष्ट असुरों को,
मामा सभी माहिलों को।जनम जनम तक पुश्तें रोयें,
पापी और अधर्मी की।
सात जनम तक रहें पीढ़ियाँ,
जेलों बीच कुकर्मी की।फूल सरीखी नव वाला की,
जिसनें दशा बना डाली।
उठा खड़ग काटो गर्दन को,
बन करके दुर्गा काली।गर मजबूर रहेगी बेटी,
कामी, पापाचारी से।
स्वयं खून के घूँट पिएगी,
सामाजिक लाचारी से।दफना दो जमीन में उनको,
जिनके मुँह पर हैं ताले।
गौर वर्ण दिखते ऊपर से,
अंदर हैं मन के काले।हो सामाजिक बहिष्कार भी,
उन झंडा बरदारों का।
नेताओं का, आकाओं का,
उनके लंम्बरदारों का।जनक नंदिनी, राधा बनकर,
बात नहीं बनने वाली।
खप्पर खड़ग उठाकर तुझको,
खुद बनना होगा काली।तब का असुर बड़ा ज्ञानी था,
सीता का सम्मान किया।
रखा अशोक वाटिका उनको,
कभी नहीं अपमान किया।अब समाज में जो पापी हैं,
हैं अति नीच विचारों से।
पीड़ित कई घरों में बेटी,
इनके अत्याचारों से।विद्या सदा मुक्त करती है,
दुनिया के सब बंधन से।
बेटी को मजबूत बनाओ,
शिक्षा देकर तन मन से।नव विहान होगा समाज में,
जागरुकता आएगी।
हो सशक्त समृद्ध लाडली,
जहर कभी ना खाएगी।बनकर सहसवान बेटियाँ
नव वितान जब पायेंगी।
तितली-सी उन्मुक्त उड़ेंगीं,
गगन चुमनें जायेंगीं
परिचय :– अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवासी : निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.एस.सी एम.एड स्वर्ण पदक प्राप्त
सम्प्रति : वरिष्ठ व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक २ निवाड़ी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.