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कवि हृदय

मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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कौन कहता है
हम कुछ नहीं
कौन कहता है
हम कहीं नहीं
जिंदगी की
उदास राहों में
जिंदगी की गम
भरी रातों में।
कोई खोजे हमें
भूखे लोगों की
बस्ती में
हम कहां नहीं हैं,
हम वहां नहीं है
जहां
रसरंग बरसता हो
जहां मोह उत्पन्न हो
क्योंकि वहां
कवि हृदय का
स्थान नहीं है।।

परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ से इंदौर के लेखक संघ रचना संघ से जुड़ी आप शासकीय सेवा से निमृत हैं पीछेले ३० वर्षों से धार के कवियों के साथ शिरकत करती रही आकाशवाणी इंदौर से भी रचनाएं प्रसारित होती रहती हैं व वर्तमान में इंदौर लेखिका संघ से जुड़ी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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