Saturday, November 16राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

तलाश सच्ची खुशी की

ललित शर्मा
खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
********************

तलाशने चले खुशियां, पर
कोसों दूर निकल पड़ी और
हुई चूर, जीवन में
चकनाचूर सी
जीवन की खुशियां

मिलने जुलने की
रीत प्रीत बिना
हुई जीवन में अंधकार सी
जीवन की खुशियां

आज मानव भटकती
जीवनशैली में
जीवन की मिलनसारिता
के अभावों पर
अद्भुत द्रष्टा देता दर्शाता
अक्सर पूछता है खुद से
हूँ व्यस्त जरूर
जीवनशैली में
कब कहाँ कैसे
किस मोड़ पर
मिलेगी सच्ची खुशियां

उदासीनता सी
झुलसियां में
आपा-धापी के
चकाचोंध
चेहरे में
मुस्कुराहटें
ले ली करवटें
झलकती झुलसियां
और उदासीनता
गुल बस हुई तो, बस
हृदयानंद की खुशियां

बांधे अनर्गल
बोझ का सेहरा
गवांकर मौका सुनहरा
पूछता है मानव ओरों से
कहाँ छुपी है
कहाँ बिछुड़ी
जीवन की खुशियां

अनमोल खुशियां
जुटाने की हिम्मत
तलाशते तलाशते
अन्तर्मन से सिमटती
सिमट रही अनमोल
अन्तर्मन की खुशियां
प्रेम ममत्व अपनत्व की
तिलांजलि के चक्कर में
अब अवरुद्ध सी
खुशियों भरने की कला

संसार में तड़पता मानव
पाने को खुशियां
अब खुद करने लगा है
जीवन में युद्व
जीवन मे खुशियां पाने को

भेदभाव तकरार की दीवार
आपस में हो जाये दरकिनार
समन्वय की रचना भरकर
स्वतः अन्तर्मन में खुलकर
खुशियां से खुलेगा
अन्तर्मन का द्वार

प्रेम स्नेह प्यार से
मानवतावादी की
गहराइयों के गीत में
खुशियां की बूंदों
की बरसात
जीवन में हृदय पर
बस खुशियां ही
छोड़ती है अमित छाप

जैसे कवि, लेखक
साहित्यकार
अपनी लेखनी से
खुशियों के स्वाद का
बढ़ाते है संसार
साहित्यानुरागियों की
पंक्तियों में बैठकर
अन्तर्मन में खुशियां
का भर सकता है
अनन्त भंडार
आओ यहीं से
खुशियां पाएं
आओ अपने
भीतर भरें यह विचार
श्रेष्ठ करें व्यवहार।
बनाएं जीवन को
खुशियां का
अनन्त संसार।।

परिचय :- ललित शर्मा
निवासी : खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
संप्रति : वरिष्ठ पत्रकार व लेखक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें...🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *