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हनुमान जन्म

संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
भोपाल (मध्यप्रदेश)

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चैत्र मास पूर्णिमा आई,
हनुमान जन्मोत्सव अपने संग लाई।
हम सबके उर में अपार आनंद पाई,
चहुंओर हर्ष की लहर छाई।
हम सब हनुमान जन्मोत्सव
धूमधाम से मनाई।

हे!हनुमान तेरे दर्शन
को नैना तरस गए,
हे!पवन पुत्र हनुमान।
आज भारत भू जन्मे हो।
हे! राम भक्त हनुमान,
तुम्हें हम करबद्ध हो
सादर करें प्रणाम।

सबहि भक्त तेरे
चरणों में लिपट जाए।
हे!पवन पुत्र तुम तो
शंकर अवतारी हो।
अंजनी लाल हो जग के तुम,
तेरी महिमा अति न्यारी,
निराली अनंत।
तुम सूरज निगल
बजरंगी कहलाए हो।

लंका जला सीता सूचना लाए,
लक्ष्मण प्राण बचाने,
पूरा पर्वत उठा लाए।
हम सब तेरा गुणगान करें।
ऐसा वरदान दो।

घर-घर तेरा नाम करें,
दुष्ट दलन तुम कहलाए,
भक्तों के कष्ट हरने आए हो।
दो शक्ति हमें इतनी अपार,
हम तेरी सेवा निस्वार्थ
भाव से कर पाएं।

परिचय :- श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
निवासी : भोपाल (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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