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राम नवमी

प्रेम नारायण मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
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प्रभू राम के अवतरण का दिवस है,
था उद्देश्य क्या ये जगत को बताओ।
प्रभू नाम पावन है गंगा के जल सा,
जपो इसको और जग से मुक्ति को पाओ।
प्रभु राम के…

प्रभू ने मनु को वचन ये दिया था,
मैं बन पुत्र आऊंगा घर मे तुम्हारे।
धरा को प्रभू ने वचन ये दिया था,
हारूँगा तेरा भार राक्षस संघारे।
वचन को निभाकर दिया ये संदेसा,
वचन जो दिया है उसे तुम निभाओ।
प्रभू राम के …

ऋषि श्राप को मान देने के हेतु,
रची लीला, सीता हरण थे कराये।
विरह में बिलखते फिरे वो बनो में,
तो हनुमंत ले जाके स्वामी मिलाये।
दिया वचन उसको तेरा दुःख हारूँगा,
और तुम खोज सीता को मैत्री निभाओ।
प्रभू राम के…

प्रभुनाम उच्चार हनुमत गए तो,
हरी माँ की पीड़ा, और लंका जलाये।
चले रामजी साथ बनार और भालू,
थे नल नील लिख “राम” सेतु बनाये।
दिए कई अवसर पर दंभी न माना,
तो वध कर कहा ज्ञानी, मम धाम जाओ।
प्रभु राम के…

परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा
निवास : जानकीपुरम (लखनऊ)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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