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हिन्दी मेरी भाषा है

 जितेंद्र गौड़
राजगढ़, ब्यावरा (मध्य प्रदेश) 

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हिन्दी मेरी भाषा है,
हिंदी मेरी आशा है।
एकता की जान हिन्दी
भारत की शान हिन्दी।।
हमारा भारत हमारी हिन्दी,
दुनिया में पहचान
कराती हमारी हिन्दी।
हमारा भारत हमारी
हिन्दी दुनिया को
आकर्षित करती
हमारी हिन्दी।

अपने वतन की
सबसे प्यारी भाषा,
हिन्दी जगत की
सबसे न्यारी भाषा।
हिन्दी सिर्फ
एक भाषा नहीं,
हिंदी से हिंदुस्तान है।

अलग जगह दे
जो हर दिल में,
ऐसी हिन्दी भाषा की
गुणात्मक पहचान है।
हिंदी भाषा हमारी शान है,
हम सब मिलकर दे
इसको सम्मान है।

हमारे राष्ट्र कवियों ने
हिन्दी भाषा को दिया
नया आयाम है यहां।
ग्रंथ वेदों आदि का
हिंदी भाषा में समझने का
मिला ज्ञान हमें यहां।

हिन्दी सूर कबीर है,
हिंदी है रसखान,
आओ सब मिलकर
करें हिन्दी का उत्थान।
हिंदुस्तान की गौरव
गाथा है हिन्दी,
एकता की अनुपम
परंपरा है हिन्दी।
सरल शब्दों में कहा जाए तो,
जीवन की परिभाषा है हिन्दी।

भाषा हमने सारी सीखी,
पर हिन्दी जैसी बात नहीं।
हिन्दी हमारी आन है,
हिन्दी हमारी शान है
हिन्दी हमारी चेतना वाणी
का शुभ वरदान है।
इस भाषा से अब
नजर चुराते हैं,
क्योंकि हम हिन्दी
बोलने से शर्माते हैं।

माना अंग्रेजी पूरी
दुनिया को चलाती है,
पर हिन्दी भी तो हमारी
पहचान दुनिया में कराती है
हिन्दी भाषा नहीं
भावों की अभिव्यक्ति है,
यहां मातृभूमि पर मर
मिटने की शक्ति है।

क्यों ना अपनी
मातृभाषा को फिर से
सर आंखों पर बिठाया जाए।
आओ हम सब मिलकर
हिन्दी भाषा का दीप जलाएं।
जय हिंद जय भारत,
वंदेमातरम….।

परिचय :-  जितेंद्र गौड़
निवासी : राजगढ़, ब्यावरा (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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