Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कैसा आया रे वसंत

आशा जाकड़
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************

सखि कैसा आया रे वसन्त
जीवन का हो गया मानो अन्त ?

पेड़-पौधे खामोश लग रहे
निर्जीव मानो जैसे सो रहे
पलाश तो ऐसे लग रहे
मानो अंगारे से दहक रहे
किस -किस का होवेगा अन्त ?
सखि कैसा आया रे वसन्त ?

युद्ध की चल रही आँधियाँ
मौत की सुना रही कहानियाँ
वीरों की बता रही जवानियाँ
आन पर मर मिटी छत्राणियाँ
गूँज बलिदान की दिक-दिगन्त
सखि कैसा आया रे वसन्त ?

वीरों ने पहना बसंती चोला
सिर पर बांधा कफन का सेहरा
तोड़ा गाँव-परिवार से नाता
रणभूमि से बस उनका नाता
सर्वत्र तूफानों का न कोई अंत
सखि कैसा आया रे वसन्त ?

रण में युद्ध-बाजे बज रहे ,
शस्त्र ले सैनिक आगे बढ़ रहे
ऊपर बर्फीली आँधियाँ बहे
सीने पर गोलियाँ सह रहे।
कर रहे दुश्मन से भिड़ंत।
सखि कैसा आया रे बसंत ?

परिचय :- आशा जाकड़ (शिक्षिका, साहित्यकार एवं समाजसेविका)
शिक्षा – एम.ए. हिन्दी समाज शास्त्र बी.एड.
जन्म स्थान – शिकोहाबाद (आगरा)
निवासी – इंदौर (मध्य प्रदेश)
व्यवसाय – सेन्ट पाल हा. सेकेंडरी स्कूल इन्दौर से सेवानिवृत्त शिक्षिका)
प्रकाशन कृतियां – तीन काव्य संग्रह – राष्ट्र को नमन, नये पंखों की उड़ान, हमारा कश्मीर)
कहानी संग्रह – (अनुत्तरित प्रश्न), एक निबंध पुस्तक सिंहस्थ महोत्सव २०१६
उपलब्धियाँ – काव्य गोष्ठियों में नियमित पाठ, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित लगभग ५० पुस्तकों मे कहानी कविताओं व समीक्षाओं का प्रकाशन। आकाशवाणी व दूरदर्शन पर काव्य पाठ।
सम्मान – सरल अलंकरण (इन्दौर), महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान(शिलांग), मानद उपाधि राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (इलाहाबाद) नारी अस्मिता सम्मान, महादेवी वर्मा सम्मान मैं हूँ बेटी सम्मान (लखनऊ), मगसम प्रतिभा स्वर्ण सम्मान (दिल्ली) अन्तरा शब्द शक्ति सम्मान, महारानी लक्ष्मीबाई मैमोरियल सम्मान, काव्य रंगोली मातृत्व सम्मान, कल्पना चावला स्मृति सम्मान, विश्व शांति सम्मान आदि।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *