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वो शख़्स दूर होने लगा

रामेश्वर दास भांन
करनाल (हरियाणा)
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उसकी शोहरत में इजाफा जो होने लगा,
वो हमसे अब दूर होने लगा,
छा गया नशा शहर की चकाचौंध का उस पर,
मेरे गांँव से अब वो शख़्स दूर होने लगा,

बदल लिए हैं उसने अपने दोस्त अब सारे,
नये दोस्तों का खुमार उस पर होने लगा,
भूल गया है साथियों को अब वो पुराने,
उसको तो बस दौलत से प्यार होने लगा,

पहचानता नहीं है पुराने किसी यार को अपने,
जो नई-नई दौलत का गुमान उसे होने लगा,
तोड़ दिए हैं ख़्वाब सीधे-सादे साथियों के उसने,
नई-नई शोहरत का नशा उस पर होने लगा,

मिला था उसका भाई मुझे गाँव के चौराहे पर,
पुछा उसके बारे तो उसे याद कर वो रोने लगा,
उम्मीद छोड़ दी हम ने उस शख़्स से अब तो,
जो अपनों करीबियों से भी अब दूर होने लगा,

परिचय : रामेश्वर दास भांन
निवासी : करनाल (हरियाणा)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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