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याद किए जायेंगे

सुधीर श्रीवास्तव
बड़गाँव, गोण्डा, (उत्तर प्रदेश)
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बहुत दिनों से सोच रहा हूं
मैं भी एक राजनीतिक पार्टी बना लूं
सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री भैया को
अपना राजनीतिक गुरु बनाकर
उन्हीं की पार्टी से गठबंधन भी कर लूं।
सरकार बनी तो मंत्री बन ही जाऊंगा।
फिर तो अपने भी वारे न्यारे होंगे
लालबत्ती के साथ भ्रष्टाचार,
घोटाले दोनों हाथ करेंगे।
वैसे तो मुझे जैसे ईमानदार
कभी पकड़ में नहीं आयेंगे
पकड़ गए तो भी गम नहीं
तिहाड़ जाकर भी मंत्री
पद की सुख सुविधा
और भौकाल से
लुत्फ उठाएंगे
भैया मुख्यमंत्री होंगे,
वे थोड़ी हटायेंगे।
उनकी छत्रछाया में
रहकर राजनीति के
सारे दांवपेंच भी
सीख ही जायेंगे।
सुख से जीवन जीने के
सब हथकंडे सीख जाएंगे
अपनी तीन पीढ़ियों की
सुख सुविधा का इंतजाम
काली कमाई से तो कर पायेंगे।
हर चुनाव में किसी न
किसी से गठबंधन कर
विधानसभा तो पहुंच ही जायेंगे
फिर भ्रष्टाचार घोटाले
न किए तो भी
सूकून से जीवन बिताने के
इंतजाम हो ही जायेंगे।
कम से कम चुनाव में भौकाल से
गठबंधन की मेज पर कुर्सी और
मरने पर राजकीय
सम्मान तो पायेंगे,
अपनी बिरादरी में मरकर भी
याद किए जायेंगे।

परिचय :- सुधीर श्रीवास्तव
जन्मतिथि : ०१/०७/१९६९
शिक्षा : स्नातक, आई.टी.आई., पत्रकारिता प्रशिक्षण (पत्राचार)
पिता : स्व.श्री ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव
माता : स्व.विमला देवी
धर्मपत्नी : अंजू श्रीवास्तव
पुत्री : संस्कृति, गरिमा
संप्रति : निजी कार्य
विशेष : अधीक्षक (दैनिक कार्यक्रम) साहित्य संगम संस्थान असम इकाई।
रा.उपाध्यक्ष : साहित्यिक आस्था मंच्, रा.मीडिया प्रभारी-हिंददेश परिवार
सलाहकार : हिंंददेश पत्रिका (पा.)
संयोजक : हिंददेश परिवार(एनजीओ) -हिंददेश लाइव -हिंददेश रक्तमंडली
संरक्षक : लफ्जों का कमाल (व्हाट्सएप पटल)
निवास : गोण्डा (उ.प्र.)
साहित्यिक गतिविधियाँ : १९८५ से विभिन्न विधाओं की रचनाएं कहानियां, लघुकथाएं, हाइकू, कविताएं, लेख, परिचर्चा, पुस्तक समीक्षा आदि १५० से अधिक स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित। दो दर्जन से अधिक कहानी, कविता, लघुकथा संकलनों में रचनाओं का प्रकाशन, कुछेक प्रकाश्य। अनेक पत्र पत्रिकाओं, काव्य संकलनों, ई-बुक काव्य संकलनों व पत्र पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल्स, ब्लॉगस, बेवसाइटस में रचनाओं का प्रकाशन जारी।अब तक ७५० से अधिक रचनाओं का प्रकाशन, सतत जारी। अनेक पटलों पर काव्य पाठ अनवरत जारी।
सम्मान : विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा ४५० से अधिक सम्मान पत्र। विभिन्न पटलों की काव्य गोष्ठियों में अध्यक्षता करने का अवसर भी मिला। साहित्य संगम संस्थान द्वारा ‘संगम शिरोमणि’सम्मान, जैन (संभाव्य) विश्वविद्यालय बेंगलुरु द्वारा बेवनार हेतु सम्मान पत्र।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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