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संत शिरोमणि रविदास

अशोक कुमार यादव
मुंगेली (छत्तीसगढ़)

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स्वर्णयुग में निर्गुण धारा के भक्त कवि।
अपनी वाणी से जनजागृति किया रवि।।

लोक कल्याण करने जन्म लिया काशी।
संतोख और कलसा के पूत अविनाशी।।

कान्ता लोना, वत्स विजय से हुए विमुख।
शिष्या झाला, मीराबाई के बने गुरु प्रमुख।।

परहित, दयालु और आनंद का खजाना।
ईश्वर-भजन, भक्ति और सत्संग दीवाना।।

भवसागर पार कराने गुरु नाम है अग्रणी।
रामानंद के शिष्य रैदास संत शिरोमणि।।

मध्यकाल में कबीरदास के समकालीन।
कार्य समय में करने हमेशा थे तल्लीन।।

साधु-संतों की संगति से विज्ञान अर्जित।
अध्यात्मिक ज्ञान जन-जन को अर्पित।।

रैदास की वाणी समाज हित की भावना।
मधुर, भक्तिमय भजनों की सुंदर रचना।।

ऊंच-नीच की भावना निरर्थक यही संदेश।
सबको प्रेमपूर्वक रहने का दिया उपदेश।।

सतगुरु और जगतगुरु की मिली उपाधि।
चित्तौड़गढ़ में है गुरुवर के पवित्र समाधि।।

परिचय : अशोक कुमार यादव
निवासी : मुंगेली, (छत्तीसगढ़)
संप्राप्ति : सहायक शिक्षक
सम्मान : मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण ‘शिक्षादूत’ पुरस्कार से सम्मानित।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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