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हिचकी

किरण पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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कौन याद कर रहा है मुझे?
हिचकी आई,
कोई तो हमारा है तभी तो
मुझे हिचकी आई,

दूर बैठे हैं मेरे प्रियतम!
भारत माता की रक्षा में,
उसने मुझे याद किया होगा?
तभी तो मुझको हिचकी आई,

चिट्ठी नहीं कोई संदेश!
हिचकी है उनका संदेश,
मैं भी नहीं इसको है मिटाउ,
प्रीतम की याद में भी इससे पाऊं,
नहीं उन्होंने मुझे बिसारा,

मुझको याद किया है उसने,
तभी तो मुझको हिचकी आई,
पल पल तेरी याद हे आती,
मुझको तो दिन रात सताती,

तेरा एहसास मुझे दिलाती,
तभी तो मुझको हिचकी आती,
कब सोने का सूरज निकले
नई किरण की आस भी जगले,

प्रीतम के आने की उम्मीद है जागी,
पर फुर्सत में मुझे हिचकी आती

परिचय : किरण पोरवाल
पति : विजय पोरवाल
निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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