Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जीवन मेरा सरगम जैसा

चेतना प्रकाश “चितेरी”
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

********************

तेरे प्यार में सजना,
तेरी सजनी संँवर रही..२
सात स्वरों से सजा है संगीत ,
सात फेरों से सजा है जीवन,
सात जन्मों तक मिलें सजना तेरा प्यार
तेरे प्यार में सजना,
तेरी सजनी सज रही,
तेरे प्यार में सजना तेरी
सजनी संँवर रही..२

तेरे प्रेम के धुन में,
घर आंगन चहके,
खिल रही मेरी फुलवारी,
तेरे रंग में रंग कर,
सजना झूम-झूम कर
मेरा मनवा नाचे,
तेरे प्यार में सजना,
तेरी सजनी संँवर रही…२

मिला जो तेरा साथ साजन,
जीवन हुआ मेरा सरगम जैसा,
ना ग़म की परछाई,
चारों और ख़ुशियांँ ही छाई,
चंदन जैसा, सुगंधित
पवित्र हुआ हमारा बंधन,
सजना तेरे प्यार में,
तेरी सजनी निखर रही,
सजना तेरे प्यार में
तेरी सजनी संँवर रही..२

परिचय :- चेतना प्रकाश “चितेरी”
निवासी : प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…..🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *