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सहज़ता में संस्कार उगते हैं

किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया (महाराष्ट्र)
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अपने आपको सहज़ता से जोड़ो
सहज़ता में संस्कार उगते हैं
सौद्राहता प्रेम वात्सल्य पनपता है
लक्ष्मी सरस्वती का आशीर्वाद बरसता है

जिंदगी की दुर्गति की शुरुवात
अहंकार रूपी विकार से होती है
अहंकार दिख़ाने को छोड़ो, परिणाम
मानसिक असंतुलन की शुरुआत होती है

क्रोध अहंकार दिखावा छोड़
सहज़ता जोड़ो क्रोध के उफ़ान में
अपराध हिंसा हो जाती है
घर बार जिंदगी तबाह हो जाती है

जिंदगी को वात्सल्य रूपी सुयोग्य मंत्रों से जोड़ो
क्रोध रूपी विकार को छोड़ो
अपने, आपको विनम्रता से जोड़ो
इस मंत्र से भारत के हर व्यक्ति को जोड़ो

परिचय :- किशन सनमुखदास भावनानी (अभिवक्ता)
निवासी : गोंदिया (महाराष्ट्र)
शपथ : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना पूर्णतः मौलिक, स्वरचित और अप्रकाशित हैं।


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