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वाचिक गंगोदक सवैया

आचार्य नित्यानन्द वाजपेयी “उपमन्यु”
फर्रूखाबाद (उत्तर प्रदेश)

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वाचिक गंगोदक सवैया

भारती मातु की आरती के दिये
टिमटिमाते रहें झिलमिलाते रहें।
वर्तिका हम बनें और घृत हो लहू,
प्राण का अर्घ्य यूँ ही चढ़ाते रहें।।

छोड़ निज स्वार्थ को छोड़ परमार्थ को,
छोड़ माँ-बाप परिजन सखा आइए।
प्रीति के जोड़ अनुबंध निज देश से,
राष्ट्र सिद्धांत प्रांजल निभा जाइए।।
कर्म ही धर्म यह मर्म जानें सभी,
स्वप्न साकार माँ के बनाते रहें।
वर्तिका हम बनें और घृत हो लहू,
प्राण का अर्घ्य यूँ ही चढ़ाते रहें।।

विश्व में राष्ट्र का मान सम्मान हो,
मूल्य नैतिक कभी भी भुलाएँ नहीं।
लोक कल्याणकारी रहे भावना,
वासना को हृदय में बसाएँ नहीं।।
इस प्रजातंत्र के उन्नयन मंत्र को,
श्लोक जैसा समझ गुनगुनाते रहें।
वर्तिका हम बनें और घृत हो लहू,
प्राण का अर्घ्य यूँ ही चढ़ाते रहें।।

शाँति सुख और संवृद्धि हो विश्व में,
शत्रुताएँ न हों मित्रताएँ बढ़ें।
मानवों के हृदय शुद्ध करुणा रहे,
‘नित्य’ नव उन्नयन की ऋचाएँ पढ़ें।।
एटमों के अहंकार से दूर हो,
बुद्ध की प्रेरणा को निभाते रहें।
वर्तिका हम बनें और घृत हो लहू,
प्राण का अर्घ्य यूँ ही चढ़ाते रहें।।

प्रेम सौहार्द संदेश हो कृष्ण सा,
राम सा त्याग तप हो महावीर सा।
बुद्ध के बाण करुणा दया शील से,
मन भरे हम रखें सौम्य! तूणीर सा
आत्मरक्षा व्यवस्था बनाये रखें,
शत्रु अभिमान को भी घटाते रहें।
वर्तिका हम बनें और घृत हो लहू,
प्राण का अर्घ्य यूँ ही चढ़ाते रहें।।

परिचय :- आचार्य नित्यानन्द वाजपेयी “उपमन्यु”
जन्म तिथि : ३० जुलाई १९८२
पिता : भगवद्विग्रह श्री जय जय राम वाजपेयी
माता : श्रीमती अनु आत्मजा वाजपेयी
निवासी : पाञ्चालघाट गंगा धाम, फर्रूखाबाद (उत्तर प्रदेश)
शैक्षणिक योग्यता : स्नातकोत्तर (संस्कृत साहित्य), डिप्लोमा इन मानव संसाधन विकास, पी. जी. डिप्लोमा इन मानव संसाधन प्रबन्धन
संप्रति : सनातनी छन्दाधारित/ उर्दू बह्र आधारित लेखन (२१ वर्ष का सैन्य प्रशासकीय अनुभव)
अभिरुचि : पर्वतारोहण, साहित्य लेखन, नाट्य-मंचन ,गीत-संगीत, यात्रा आदि में रुचि।
प्रकाशन : “शस्त्र से शास्त्र” एकल काव्य संग्रह, “मुट्ठी भर हिमालय” एकल गीत ग़ज़ल संग्रह, गीतों की वसुधा एकल गीत ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित, अर्णव प्रकाशन से प्रकाशित साझा काव्य संकलन ‘स्नेह-अनुबंध’ एवं “पांच्यजन्य काव्य प्रसून” में कविताएँ प्रकाशित (२०२०)।
संपादन : “पांच्यजन्य काव्य प्रसून” साझा काव्य संकलन का संपादन।
साहित्यिक सम्मान : अर्णव प्रकाशन द्वारा ‘काव्य श्री अर्णव सम्मान’ से सम्म्मानित, “रचनाकार दिल्ली” साहित्यिक समूह द्वारा कई बार सर्वश्रेष्ठ रचनाकार, सर्वश्रेष्ठ संचालक, सर्वश्रेष्ठ समीक्षक नामक सम्मानों से सम्म्मानित। सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए आद. डॉ. मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार से पुरस्कृत। सर्वश्रेष्ठ ग़ज़ल कहने के लिए आद. फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ पुरस्कार से सम्मानित।
साहित्यिक उपलब्धियाँ : गीता रामायण परीक्षा समिति पौढ़ी गढ़वाल, द्वारा आयोजित प्रवेशिका परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्रमाण-पत्र, साहित्य कलश प्रकाशन पटियाला, द्वारा प्रकाशित शून्य से शिखर में कविताएँ प्रकाशित, आदर्श रामलीला समिति, भरखनी, हरदोई द्वारा सर्वोत्कृष्ट पात्र निर्वहन एवमं मंच संचालन के लिए प्रशंसा-पत्र
साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ाव : गीता श्री साहित्यिक संस्था उत्तर प्रदेश जनपद अध्यक्ष हरदोई, फर्रुखाबाद पर पदस्थ। राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच इंदौर म.प्र., सोपान साहित्यिक संस्था, उड़ान समूह, छन्द प्रवाह, साहित्यिक संवाद, आदि सोशल मीडिया साहित्यिक पटलों पर कार्यरत, पांच्यजन्य काव्यप्रसून व्हाट्सएप्प साहित्यिक पटल के संस्थापक एवं प्रबन्धन/संचालन समिति प्रमुख।
विशेष : छन्दबद्ध काव्य, मुक्तक, चतुष्पदी, षटपदी, सभी सनातनी छन्दों पर हस्त सिद्ध, उर्दू ग़ज़ल, हिन्दी गीतिका सृजन।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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