Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

ये दिल सुनता जा

डाॅ. रेश्मा पाटील
निपाणी, बेलगम (कर्नाटक)
********************

तू तो पहले ही
कदम मे डगमगा
गया ये दिल
मंजिल का रास्ता तो
सम॔दरे आतिश से जाता है

तू ने की है
मोहब्बत जिससे
उसकी तमन्ना तो
सारा जहाँ करता है
पाने की उसे लगन
है तुझे तो, तू
जान ले तेरी हर
घडी आजमाइश है

जिस शय की
आरजू सै तुझे ये दिल
वो शय तो बडी अनमोल है
तू क्या मोल
दे पायेगा उसका,
की वहा सारे जहाँ की
दौलत बेमोल है

सच्चे प्यार के
दो आंसुओं मेे,
तुलता है परमात्मा
क्या वो तुलसी दल
तू उसे दे पायेगा
जीवात्मा

तेरी तो हर
बात झूठी है
प्यार झूठा,
नफरत भी झूठी है
इकरार झूठा और
इन्कार भी झूठा है

बता ये दिल आखिर
तू दुनिया मे क्यों टूटा है
जो आस तूने लगायी
इन्सा के फितरत से
दगा तो तुझे मिलना ही था,
तेरे अपने कर्मों से

किसी शक्स को अपना
प्यार कैसे कहा तूने ये दिल
तेरा प्यार तो कोई और है
तू कैसे भूल गया की तेरा
पहला प्यार कोई इन्सान नही
तू ने तो चाहत की है
बस परमात्मा की

अपनी डगर से कैसे
डगमगा गया तू ये दिल
क्यू अहम हुवा तुझे
ब्रह्मग्यान पे
क्यू ना जाना तूने
तू कुछ नही था कभी,
मायापती बिना
माया के संसार मे

अब जान लिया है तो
चुपचाप अंगारों पे चलता जा
वो जलायेंगे नही कभी तुझे,
फूलों से कोमल लगेंगे ये सुनता जा

तज के कर्मफलों को,
उसके मर्जी पे कुर्बान होता जा
ना आंसू बहा ना फरियाद कर,
बिना माँगे भी देता है वो
ये विश्वास जगाता जा

परिचय :-  डाॅ. रेश्मा पाटील
निवासी : निपाणी, जिला- बेलगम (कर्नाटक)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *