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महात्मा गांधी

गगन खरे क्षितिज
कोदरिया मंहू (मध्य प्रदेश)
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हे राम जीने की जीवनशैली
को परिपूर्ण कर समाज
राष्ट्र को नई दिशा देकर,
राम जो ईष्ट है हम सबके
अन्तर आत्मा से उनकी
अंतिम सांसों से निकला,
बापू महात्मा गांधी से
अमर वाणी बनकर
हे राम, हे राम, हे राम
भारत की अन्तरात्मा
में बस गए है।

एकता, अखंडता, धर्मनिरपेक्षता
सनातनधर्म की पहचान बनें
इंसानियत को सर्वोपरि रखा
चल पड़े सबको जोड़ने,
जुड़ने स्वतंत्र भारत के लिए
जनहित में, देशहित में,
हिंसा के खिलाफ थे
अंहिसा से जीत लिया भारत को
प्रगतिशील भारत की नींव रखी
इसलिए आज भी भारत की
अन्तरात्मा में बस गए।

मां का स्वरूप लिए उनका
पूरा साथ दिया पत्नी ने
सारथी बन अग्रणीय रही
मां कस्तूरबा गांधी उन्हें कभी
अपने पथ से विचलित नहीं होने दिया
गगन मातृभूमि के लिए,
स्वतंत्र भारत के लिए अपनी
जिम्मेदारियों कभी पिछे नहीं हटी
इसलिए भारत की अन्तरात्मा में
बसते है महात्मा गांधी,
भारत की अन्तरात्मा
में बस गए है।

परिचय :- गगन खरे क्षितिज
निवासी : कोदरिया मंहू इन्दौर मध्य प्रदेश
उम्र : ६६वर्ष
शिक्षा : हायर सेकंडरी मध्य प्रदेश आर्ट से
सम्प्रति : नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भोपाल मध्यप्रदेश सेवानिवृत्त २०१४
साहित्य में कदम : २०१४ से भारतीय साहित्य परिषद मंहू, मध्य प्रदेश लेखक संघ मंहू इकाई, महफ़िल ए साहित्य कोदरिया मंहू, आर्चना साहित्य संस्थान मंहू, राष्ट्रीय संखी साहित्य परिवार, छत्तीसगढ़ सखी साहित्य परिवार, म. प्र. संखी साहित्य परिवार, राष्ट्रिय हिंदी रक्षक मंच आदि समूह से समय पर जुड़े है।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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