Tuesday, December 3राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

भारतीय परिधान साड़ी

प्रतिभा दुबे
ग्वालियर (मध्य प्रदेश)

********************

आज साड़ी दिवस पर आप सभी के समक्ष अपने विचार रखना चाहूंगी। साड़ी के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। साड़ी ही एक ऐसा परिधान है, जो देश विदेशों में भी सम्मानित रूप से देखा जाता है और इसी आदर के साथ धारण करना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है, इस विशेष परिधान को हमारे राजा-महाराजाओं के जमाने से भी पूर्व से स्त्रियां सम्मान पूर्वक धारक कर रही है।
“ऐसा नहीं है कि, किसी परिधान में कोई खराबी है या कोई परिधान छोटा या बड़ा है, परंतु साड़ी की विशेषता (बात) ही अलग है! अलग-अलग प्रांत में साड़ी को अलग-अलग तरीके से पहना जाता है परंतु फिर भी साड़ी हमेशा ट्रेंडी बनी रहती है इसे आजकल नव युवतियां, और भी क्रिएटिव तरीके से पहनती हैं कभी ब्लाउज के साथ कभी शर्ट के साथ तो कभी कुर्ती के साथ और तो और आजकल स्कर्ट के साथ भी साड़ी को देखा जा सकता है। “एक” साड़ी पर लुक हजार।
साड़ी अपने आप में धैर्य, शालीनता, की परिचायक है, यह इतनी सारी प्लेटों के साथ बाँधी जाने पर भी बनी रहती है, यह स्त्री के श्रृंगार में शामिल होकर उसे पूर्ण बनाती है। वस्त्रों से आपके आभामंडल में चार चांद लग जाते हैं। साड़ी उनमें से एक अलौकिक वस्त्र कहलाती है जब भी आप साड़ी को धारण करते हैं तो आप एक सम्मानजनक और मर्यादित स्त्री के रूप में नजर आती है। शायद भेष-भूषा के मामले में यही एक प्रमुख कारण रहा है कि हमारी भारत की स्त्रियों ने रोज में भी इतनी लंबी मीटर में होने के बावजूद साड़ी को ही चुना, पहनने के लिए। धन्य है हमारी मां जो अपने आंचल से प्रेम और स्नेह को जीवन भर हम पर लुटाती है और धन्य है वह साड़ी जिसे जगत में हर स्त्री “शुभ” काज में धारण करना चाहती हैं।
हमारे भारत की परंपरा रही है जब विवाह होता है तो सात फेरे साड़ी पहनकर ही लिए जाते हैं, हर अच्छे काम में साड़ी को भेंट स्वरूप भी दिया जाता है। इस प्रकार साड़ी का महत्व और भी बढ़ जाता है।

परिचय :-  श्रीमती प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
निवासी : ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *