Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सुरक्षा कवच

सीमा रंगा “इन्द्रा”
जींद (हरियाणा)

********************

अरे ! अरे ! मैं तुझे कुछ नहीं कहूंगी। बाहर आओ ! बाहर आओ ! देखो मेरे बच्चे भी खेल रहे हैं। हम सब मिलकर खेलेंगे । बहुत मज़ा आ रहा है।आ जाओ तुम भी।
नहीं-नहीं चिंटू मत जाना मम्मा ने मना किया है कि बिल से बाहर जाते ही खतरा ही खतरा है, और यह बिल्ली तुझे खा जाएगी चिंटू। बहन ने उसे समझाते हुए कहा पर यह तो खेलने के लिए बुला रही है। तभी तो मैं कह रही हूं बाहर नहीं जाना नहीं तो मैं मां को बताऊगीं।
लेकिन चिंटू बार-बार बाहर जाने की जिद कर रहा था। इतनी देर में ही चूहिया बाहर से आ जाती है। जिनको आते ही बच्चे सारी बातें बता देते हैं। कैसे बिल्ली हमें बाहर बुला रही थी। चूहिया ने तीनों को समझाते हुए कहा, यह बिल ही तुम्हारा सुरक्षा कवच है। जैसे ही बिल से बाहर निकले जिंदा नहीं बचोगे। इसलिए जब भी मैं खाना लेने बाहर जाऊं तुम अंदर ही रहना। पर मां वह मुझे अपने बच्चों के साथ खेलने को बुला रही है और बहुत प्यार करती है मुझसे। मैंने कहा ना नहीं। बस नहीं जाना। अगली सुबह जैसे ही चूहिया खाना लेने गई। बिल्ली आई। अरे ! तुम आ जाओ खेलते हैं हम बहुत मजा आएगा आज। चिंटू तुरंत बाहर चला जाता है। दोनों ने बहुत मना किया, पर माना नहीं। थोड़ी देर बिल्ली उसके साथ खेली ताकि दोनों बच्चे भी बाहर आ जाए। जब चीनू-मीनू बुलाने पर भी नहीं आए तो वह चिंटू को मुंह में दबाकर दूर ले गई। बच्चे चिल्लाने लगे मम्मी-मम्मी ओ मम्मी बचाओ।
जैसे चूहिया ने सुना दौड़ी-दौड़ी भाग कर आई। चिंटू नहीं है घबराकर बिल्ली की तरह भागी पर तब तक देर हो चुकी थी। चूहिया दोनों बच्चों को समझा रही थी देखो जो मां की बात नहीं मानता उसके साथ यही होता है। मैंने अपना एक बेटा खो दिया है। मैं तुम्हें नहीं खोना चाहती हूं। जब तक मैं ना कहूं तब तक तुम बिल के अंदर रहना। यह तुम्हारा सुरक्षा कवच है। दोनों बेटे मां को लिपटकर जोर-जोर से रोने लगे। और बोले मां जब तक हम बड़े नहीं हो जाते तब तक हम बाहर नहीं जाएंगे।
जब आप हमें आज्ञा देंगे और हम इस लायक हो जाएंगे तो ही हम आपको बता कर जाएंगे। कभी भी आपको बिना बताए यहां से नहीं जाएंगे।

परिचय :-  सीमा रंगा “इन्द्रा”
निवासी :  जींद (हरियाणा)
विशेष : लेखिका कवयित्री व समाजसेविका, कोरोना काल में कविताओं के माध्यम से लोगों टीकाकरण के लिए, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ हेतु प्रचार, रक्तदान शिविर में भाग लिया।
उपलब्धियां : गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से प्रशंसा पत्र, दैनिक भास्कर से रक्तदान प्रशंसा पत्र, सावित्रीबाई फुले अवार्ड, द प्रेसिडेंट गोल्स चेजमेकर अवार्ड, देश की अलग-अलग संस्थाओं द्वारा कई बार सम्मानित बीएसएफ द्वारा सम्मानित। देश के अलग-अलग समाचार पत्रों में रचनाएं प्रकाशित,कई अनपढ़ महिलाओं को अध्यापन।
प्रकाशन : सतरंगी कविताएं, काव्य संग्रह।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *