Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

नासमझ बेटा, समझ ना पाया बापू

सीमा रंगा “इन्द्रा”
जींद (हरियाणा)

********************

काश समझ पाते कीमत वक्त की
काश मान जाते बात मात-पिता की

काश रहते ना उतावले हमेशा
काश कभी तो शांति से करते बात

काश झुक जाते फर्ज की खातिर
काश भनक लग जाती तूफ़ा की हमें भी

काश आंचल में संभलते रहते धीरे-धीरे
काश पिता का साया पहले याद करते

काश कुछ जिम्मेदारियां हम भी बांट लेते
काश कुछ वजन हम भी कर देते कम

काश उन्हें भी सोने देते बेफिक्र होकर
काश कभी हम भी उठ जाते पहले उनसे

काश जिन हाथों ने हमेशा रखा सिर पर हाथ
काश हम भी लगा लेते हाथ उनके चरणों के

काश हमारी तरह होता सीना चौड़ा उनका
काश मैं भी कर लेता पिता संग काम कुछ

काश घर ऐसो आराम के बजाय दिखता घर
काश हम भी समझ पाते दर्द उनका का भी

परिचय :-  सीमा रंगा “इन्द्रा”
निवासी :  जींद (हरियाणा)
विशेष : लेखिका कवयित्री व समाजसेविका, कोरोना काल में कविताओं के माध्यम से लोगों टीकाकरण के लिए, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ हेतु प्रचार, रक्तदान शिविर में भाग लिया।
उपलब्धियां : गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से प्रशंसा पत्र, दैनिक भास्कर से रक्तदान प्रशंसा पत्र, सावित्रीबाई फुले अवार्ड, द प्रेसिडेंट गोल्स चेजमेकर अवार्ड, देश की अलग-अलग संस्थाओं द्वारा कई बार सम्मानित बीएसएफ द्वारा सम्मानित। देश के अलग-अलग समाचार पत्रों में रचनाएं प्रकाशित,कई अनपढ़ महिलाओं को अध्यापन।
प्रकाशन : सतरंगी कविताएं, काव्य संग्रह।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *