Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दौलत कमाने का नशा

संजय जैन
मुंबई (महाराष्ट्र)
********************

नशा जब दौलत का लग जाये
तो जिंदगी दौड़ने लगती।
सफर फिर जीवन का भी
बिखरने सच में लगता।
समय अभाव का कहकर
निभा नहीं पाते अपना कर्तव्य।
जिसके चलते भूलने लगते
परिवार के सभी अपने भी।।

बड़े धनवान होकर भी
नहीं सम्मान पा पाते।
कभी भी दान धर्म तो
इन्होंने किया ही नहीं।
तो फिर क्यों ये रोते है
मान सम्मान के लिए।
और स्वयं को पता होना चाहिए
की हम नहीं है इसके हकदार।।

न परिवार में मिलते-जुलते
इस तरह के ये लोग।
जिन्हें खुद ही नहीं पता
की घर में क्या कुछ चल रहा।
सुबह से रात तक बस इन्हें
सिर्फ चिंता रहती व्यवसाय की।
और हिसाब-किताब लगाते रहते है
सदा ही फायदा और नुकसान का।।

बड़ा बुरा है ये नशा
जो न सोने देता है।
और न ही अपनों से
ये मिलने देता है।
सभी से एक ही उम्मीद
लगाकर ये बैठे है।
कि किसी भी तरह से
महीने में लाभ ज्यादा हो।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ-साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *