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दोस्त

प्रीति शर्मा “असीम”
सोलन हिमाचल प्रदेश
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कुछ दोस्त उसके।
उसे मौत के मुंह तक ले गए।
घर की चोखट पर आ के उसके।
जिंदगी से दूर सबसे दूर ले गए।।

कुछ दोस्त उसके।
फरेबी चेहरों को वो
जान ना पाया।
मतलबी इरादों को भी
भाप ना पाया।
जिसने किसी ने भी
चेहरा दिखाया।
सच दोस्तों का उसे
कभी ना नज़र आया।

कुछ दोस्त उसके।
उसे मौत के मुंह तक ले गए।
घर की चोखट पर आ के उसके।
जिंदगी से दूर सबसे दूर ले गए।।

बार-बार धोखों को
नजरअंदाज करता रहा।
सबको अपने जैसा समझ
माफ करता रहा।
सोचता था ….
रब सब देखता है।
फिर क्यों अच्छे लोगों की
जिंदगी में बुरों को भेजता है।
जिंदगी के सुख-चैन से इस तरह से
आराम से खेलता है।

कुछ दोस्त उसके।
उसे मौत के मुंह तक ले गए।
घर की चोखट पर आ के उसके।
जिंदगी से दूर सबसे दूर ले गए।।

काश!!!!! वक्त रहते समझ जाता।
झूठे चेहरों पे विश्वास से बच पाता।
दोस्तों को बातों में आ……
बिना कुछ कहें।
काश!!!! उस दिन जिंदगी से
अपनों से दूर ना हो जाता।

परिचय :- प्रीति शर्मा “असीम”
निवासी – सोलन हिमाचल प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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