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रमेशचंद्र शर्मा
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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शराबी अय्याश पति संकेत की प्रताड़ना से व्याकुल सरिता बदनामी के डर से मन मसोसकर रह जाती। अंतर्जातीय प्रेम विवाह के बाद भी सरिता का चयन गलत निकला। माता-पिता से विद्रोह कर चुकी सरिता ससुराल में भी सम्मानजनक स्थान नहीं बना पाई।
देर रात शराब के नशे में धुत संकेत सरिता पर चिल्लाने लगा “तुमने मेरा जीवन बर्बाद कर दिया। मेरे भावनाओं का फायदा उठाकर शादी कर ली। अब मैं तुमसे छुटकारा पाना चाहता हूं।”
सरिता “हमारी शादी कुछ सालों तक प्रेम सम्बन्ध रहने के बाद आपसी सहमति से हुई है। अब आपको मुझमें खोट नजर आने लगी।”
संकेत “अपने पिता की इकलौती संतान हूं। मेरे पास अच्छी खासी धन दौलत है। लड़कियों की कतारें लगी रहती थी। तुमने अपने प्रेम जाल में फंसाकर मुझे अंधा कर दिया था।”
सरिता “नादान तो मैं निकली। आप पर आंख मूंदकर भरोसा करती रही। आपने मेरे भरोसे को तार-तार कर दिया।”
संकेत “तुम्हारे पास अब कोई विकल्प नहीं है। यह बंगला तुम्हें मुबारक। घर छोड़कर जा रहा हूं। जल्दी ही तलाक के कागज भेज दूंगा।”
कुछ दिनों बाद सरिता के पास तलाक का नोटिस आ गया। पुलिस कोर्ट कचहरी भटकने के बाद भी धनाढ्य संकेत पर कोई असर नहीं पड़ा।
अंततः सरिता ने कोर्ट में तलाक की स्वीकृति देते हुए हलफ़नामा प्रस्तुत कर दिया –
“मुझे संकेत और उसकी संपत्ति की जरूरत नहीं है। मैंने विकल्प चुन लिया है।”
संकेत आश्चर्य भरी निगाहों से जाती हुई सरिता को ताकता रहा। सरिता ने अनाथ बच्चों की सेवा हेतु अपना शेष बचा जीवन समर्पित करने का संकल्प लिया।

परिचय : रमेशचंद्र शर्मा
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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