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जीवन संरक्षण

अर्चना अनुपम
जबलपुर मध्यप्रदेश
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ये अविष्कार या फिर विकार?
सुविधा में कितनी दुविधा है।
संचार दूर, संग्राम बिना क्यों?
तड़प मर रही चिड़िया हैं??
ये जितना बढ़ता जाएगा
उतना कोहराम मचाएगा..
अभी पक्षी मगर कल मानव भी
इसका शिकार बन जाएगा।
विष कम हो या फिर ज्यादा हो
पर असर अवश्य दिखाएगा
जीवों के जीवन से खेला
इंसान सजा तो पाएगा….
ये 4जी, 5जी बन्द करो
जीने दो उनको जीने दो
सुन्दर सृष्टि की मधुर छटा का
जीवन अमृत पीने दो….
आख़िर क्यों उनसे छिनी जा रही
प्रेम-दया की छैयां है?
चुन-चुन दाना नहीं खिलाती
दिखती नहीं गौरैया है?
निर्दोष तुम्हारा क्या लेते??
बस कलवर गान सुनाते हैं
वनस्पति के बीज भूमि पर
पक्षी मित्र बिखराते हैं…
कर्जदार तो नहीं हैं वो
जो देकर जान चुकाते हैं…
मासूम दण्ड किस बात वो
अब मृत्युदण्ड से पाते हैं??

परिचय :- अर्चना पाण्डेय गौतम
साहित्यिक उपनाम – अर्चना अनुपम
मूल निवासी – जिला कटनी, मध्य प्रदेश
वर्तमान निवास – जबलपुर मध्यप्रदेश
पद – स.उ.नि.(अ),
पदस्थ – पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जबलपुर जोन जबलपुर, मध्य प्रदेश
शिक्षा – समाजशास्त्र विषय से स्नात्कोत्तर
सम्मान – जे.एम.डी. पब्लिकेशन द्वारा काव्य स्मृति सम्मान, विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा नारी चेतना की आवाज, श्रेष्ठ कवियित्री सम्मान, लक्ष्मी बाई मेमोरियल अवार्ड, एक्सीलेंट लेडी अवार्ड, विश्व हिन्दी रचनाकार मंच द्वारा – अटल काव्य स्मृति सम्मान, शहीद रत्न सम्मान, मोमसप्रेस्सो हिन्दी लेखक सम्मान २०१९..
विधा – गद्य पद्य दोनों..
पुरस्कार : १४ सितम्बर २०२० हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच (hindirakshak.com) इंदौर मध्य प्रदेश द्वारा अखिल भारतीय कविता सृजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त।

भाषा – संस्कृत, हिन्दी भाषा की बुन्देली, बघेली, बृज, अवधि, भोजपुरी में समस्त रस-छंद अलंकार, नज़्म एवं ग़ज़ल हेतु उर्दू फ़ारसी भाषा के शब्द संयोजन।
विशेष – स्वरचित रचना विचारों हेतु विभाग उत्तरदायी नहीँ है.. इनका संबंध स्वउपजित एवं व्यक्तिगत है।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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