प्रमेशदीप मानिकपुरी
भोथीडीह, धमतरी (छतीसगढ़)
********************यादो की परछाई बार-बार आती रही
धुंधली तस्वीर बचपन की दिखाती रहीवो स्कूल के दिन वो बचपन की बाते
दोस्तों का साथ दुनिया के रिश्ते नातेबचपन के खेल माँ की फटकार याद है
लाड़ प्यार और दुलार आज भी याद हैबचपन के खेल, राजा रानी की कहानी
बचपन की बातें, लड़कपन की शैतानीसितारों की गिनती, गुड्डे गुड़िया के खेल
उमंग की उड़ान, मस्ती से भरा हर खेलअब यादें बन गई है सारी पिछली बातें
अब केवल जेहन तक ही रहती है बातेंफिर से बचपन मे जाने का मन करता है
माँ के आँचल मे छुपने का मन करता हैयादो की परछाई अक्सर मुझे घर लेती है
तन्हाई मे आकर अक्सर झकझोर देती हैकाश फिर से वही बचपना मिल जाये
पुरानी यादो का फिर जमाना मिल जाये
पुरानी यादो का फिर जमाना मिल जाये
पिता : श्री लीलूदास मानिकपुरी
जन्म : २५/११/१९७८
निवासी : आमाचानी पोस्ट- भोथीडीह जिला- धमतरी (छतीसगढ़)
संप्रति : शिक्षक
शिक्षा : बी.एस.सी.(बायो),एम ए अंग्रेजी, डी.एल.एड. कम्प्यूटर में पी.जी.डिप्लोमा
रूचि : काव्य लेखन, आलेख लेखन, विभिन्न कार्यक्रम में मंच संचालन, अध्ययन अध्यापन
कार्य स्थल : शासकीय माध्यमिक शाला सांकरा
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें...🙏🏻.