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मोहब्बत में

संजय जैन
मुंबई (महाराष्ट्र)
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मोहब्बत में अक्सर लोग,
सब कुछ भूल जाते है।
दिल दिमाग में उसके,
मोहब्बत छाई रहती है।
न कुछ कहता न सुनता,
बस अपने में मस्त रहता।
और प्यार के सागर में,
वो डूब जाता है।।

नैन से नैन लड़ा के,
दिलमें उतर जाती है।
फिर दिल के अंदर जो,
मोहब्बत को बढ़ाती है।
जिसके कारण ही वो,
आंखों में छाई रहती है।
और दीप मोहब्बत का,
दिलों में जला देती है।।

किसी से दिल लगाना,
आसान नहीं होता है।
प्यार में जीना मरना,
आसान नहीं होता है।
ये वो आग होती है जिसे,
कोई बूझा सकता नहीं।
इसलिए सच्ची प्रेमी,
आजकल कम होते हैं।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ-साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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