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हिन्दी हमारा अभिमान है

महेन्द्र साहू “खलारीवाला”
गुण्डरदेही बालोद (छत्तीसगढ़)
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हिन्दी में ही व्याकरण है
हिन्दी से ही आचरण है।
हिन्दी से ही सरल,सहज
हर समस्या का निराकरण है।।

हिन्दी भाषा हमारी शान है
हिन्दी से ही हमारा सम्मान है।
छंद,रस,अलंकार से सुसज्जित
हिन्दी हमारा अभिमान है।।

हिन्दी हमारी मातृभाषा है
हिन्दी जीवन की आशा है।
परचम लहराए हिन्दी का
हम सबकी यही पिपासा है।।

हिन्दी हम सबके लिए खास है
इनसे बढ़ता आत्मविश्वास है।
हिन्दी से सात सुरों का सरगम
सुरीली नगमों का साजोसाज है।।

बड़ी प्यारी भाषा है हिन्दी
सबके मन भाती है हिन्दी।
लगती सुरीली भाषा हिन्दी
जैसे सजे माथे की बिन्दी।।

परिचय :-  महेन्द्र साहू “खलारीवाला”
निवासी –  गुण्डरदेही बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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