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मैं उसी शास्वत की वंशज

अर्चना अनुपम
जबलपुर मध्यप्रदेश
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जो काल चक्र का दास नहीं
जो समय बनाने वाला है
जो है अक्षुण्ण सनातन से
जो कभी ना मिटने वाला है….
जिसने प्रतिपल संसार समर में
धैर्य ज्ञान को बरसाया
जिसने रेवा के जल सा
निर्मल वेद तत्व है बिखराया….
जो उपमानों की उपमा है
जो सर्प्रथम जग में आया
जिसने रागों की रचना की
जिसने तानों को झनकाया….
जो वनस्पति में परिणित हो
हर पात हरि बन बैठ गए
जो भाव भक्त की विनती पर
चिर-क्षीर सिंधु में लेट गए….
जो योग ज्ञान से नर को
भी नारायण करने वाला है.
जो सात रंग में स्वयं विवर्जित
सृष्टि सजाने वाला है…
जो बार-बार संसार बनाकर
उसे मिटाने वाला है
मैं उसी शास्वत की वंशज
जो अविचल रहने वाला है….
जो जल का है जो थल का है
जो गगन भूमि सरिता का है
जो शशि-कांत की ज्योत्स्ना
जो सूर्य प्रभा ललिता का है…..
जो प्रलय सिंधु की गोद हिलोरे
हिमगिर चढ़ने वाला है…
जो सात सृष्टि का कथाकार
प्रत्यक्षी दर्शन वाला है
कभी निराकार-साकार धर्म की
ध्वजा बचाने वाला है….
जिन अंग-अंग में भस्म रमी
अरु अंग व्याघ्र की छाला है
जो अर्णव के अभिमान का विष
निजकण्ठ में धरने वाला है….
जो अग्नितपन की तापस्ता
ब्रह्माण्ड में व्याप्त शिवाला है…
मैं उसी शास्वत की वंशज
जो अविचल रहने वाला है……
खल देख चमक इस राष्ट्र की
तलवारों पर अपनी धार किया
उनको भी अतिथि मान खिलाया
जिनने हमपर घात किया….
संस्कृति की पावनता
सम्पूर्ण विश्व को घर समझा
पर विदेश की दानवता
षड्यंत्रों में भारत उलझा….
लाख कोशिशें करके भी
ना वंश हमारा मिटा सके
ज़ुल्म किये लाखों चिंतन
ना आर्य भूमि का डिगा सके….
स्वर्ण लूटने वालों सुन लो
धूल को सरवस माना है
धरती माता की माटी को
माँ का आँचल जाना है….तो…
इतने पर भी कपट ना कोई
निर्छल रहने वाला है
मैं उसी शास्वत की वंशज जो
अविचल रहने वाला है…..
युग मात्र सनातन का होगा
ये न्याय समय ने स्वयं किया
आलोक वेद का करो गगन तक
पुनः मनुज ने मनन किया…….

परिचय :- अर्चना पाण्डेय गौतम
साहित्यिक उपनाम – अर्चना अनुपम
मूल निवासी – जिला कटनी, मध्य प्रदेश
वर्तमान निवास – जबलपुर मध्यप्रदेश
पद – स.उ.नि.(अ),
पदस्थ – पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जबलपुर जोन जबलपुर, मध्य प्रदेश
शिक्षा – समाजशास्त्र विषय से स्नात्कोत्तर
सम्मान – जे.एम.डी. पब्लिकेशन द्वारा काव्य स्मृति सम्मान, विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा नारी चेतना की आवाज, श्रेष्ठ कवियित्री सम्मान, लक्ष्मी बाई मेमोरियल अवार्ड, एक्सीलेंट लेडी अवार्ड, विश्व हिन्दी रचनाकार मंच द्वारा – अटल काव्य स्मृति सम्मान, शहीद रत्न सम्मान, मोमसप्रेस्सो हिन्दी लेखक सम्मान २०१९..
विधा – गद्य पद्य दोनों..
पुरस्कार : १४ सितम्बर २०२० हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच (hindirakshak.com) इंदौर मध्य प्रदेश द्वारा अखिल भारतीय कविता सृजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त।

भाषा – संस्कृत, हिन्दी भाषा की बुन्देली, बघेली, बृज, अवधि, भोजपुरी में समस्त रस-छंद अलंकार, नज़्म एवं ग़ज़ल हेतु उर्दू फ़ारसी भाषा के शब्द संयोजन।
विशेष – स्वरचित रचना विचारों हेतु विभाग उत्तरदायी नहीँ है.. इनका संबंध स्वउपजित एवं व्यक्तिगत है।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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