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नादिया बइला के तिहार

परमानंद सिवना “परमा”
बलौद (
छत्तीसगढ)
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छत्तीसगढ़ी कविता

खेती-किसानी
किसनहा के तिहार ये,
छत्तीसगढ़ मा नादिया
बइला के तिहार हे !

जम्मो ढीह डेवहारिन मा
नादिया बइला चघाये,
हुम धुम ले जम्मो देवता
धामी ला प्रसन्न कराये !

पोरा जाता नादिया बइला
के पुजा करथे जम्मो किसान हा,
बरा सुहारी के भोग लगाथे,
अउ गांव-गांव आनी बानी के खेल कराथे !

पोरा जाता नोनी खेले,
बाबु टुरा नादिया बइला सन खेले,
बुढ़वा जवान गेड़ी जागे,
दाई वोला मुच मुच मुसकाये !

पोरा तिहार के बिहानदिन तेल
हरदी रोटी गांव भर के सकलाये,
नार बोर कहिके जम्मो गेड़ी ला
गांव के निइकलती मा छोड़ आये !!

परिचय :- परमानंद सिवना “परमा”
निवासी : मडियाकट्टा डौन्डी लोहारा जिला- बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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