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लहराओ तिरंगा प्यारा

रामेश्वर दास भांन
करनाल (हरियाणा)
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घर गाँव शहर सब में,
आजादी का जश्न मनाओ तुम,
पायी थी कुर्बानियों से आज़ादी,
शहीदों का मान बढ़ाओ तुम,
चरखा, अनशन चले थे गांधी जी के,
उसका ध्यान लगाओ तुम,
सत्य अहिंसा का जीवन अपना,
देश में यहाँ बिताओ तुम,
लहराकर तिरंगा प्यारा देश का,
भारत की शान बढ़ाओ तुम,
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,
आपस में मिल जाओ तुम,
देखें जो देश को बुरी नियत से,
उसको सबक सिखाओ तुम,
है हिन्द की शान तिरंगा,
तिरंगे की शान बढ़ाओ तुम,
पढ़ लिख कर बनो शेर यहाँ,
खुब दहाड़ लगाओ तुम,
कर देश का नाम रोशन अपने,
विश्व को दिखलाओ तुम,
सीमा पर जो खड़े देश के प्रहरी,
हथेली पर है प्राण लिए,
लहराकर तिरंगा प्यारा,
उनका स्वाभिमान बढ़ाओ तुम,
बन जाओ सब देश के प्रहरी,
अपना फर्ज निभाओ तुम,
तिरंगा है जान से प्यारा,
तिरंगे को लहराओ तुम,

परिचय : रामेश्वर दास भांन
निवासी : करनाल (हरियाणा)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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