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आया रे आया रक्षाबंधन आया

रूपेश कुमार
चैनपुर (बिहार)
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आया जी आया रक्षाबंधन का त्यौहार,
भाई-बहनों के प्यार का त्यौहार आया,
जीवन के जन्मों-जन्मों का साथ लेकर आया,
बहना भाई के जीवन की रक्षा का मनु-हार लेकर आया,

आया रे आया रक्षाबंधन का त्यौहार लेकर आया
संसार के हर दुखों से भाई की रक्षा का वचन लिया,
जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन की रक्षा का आशीर्वाद लेकर आया,
हर संकट में हौसला बढ़ाती बहन भाई को आलोकित करने आयी,
प्यार दुलार भाई पर लुटाती हमेशा प्यार लेकर आयी,

आया रे आया रक्षाबंधन का त्यौहार लेकर आया,
जीने की हजारों-हजार साल तक कामना लेकर आया,
भाई के हर दुखों को हरने की दुआ लेकर आया,
उनके सुखी जीवन की कामना करती दुलार लेकर आयी,
अपना अमृत सागर सुख चैन लुटाती प्यार लेकर आयी,

आया रे आया रक्षाबंधन का त्यौहार लेकर आया,
बहन भाई की एक शान होती है,
जीवन में हर परिस्थितियों से भाई को सबसे बचाती है,
ममता की चादर को भाई पे ओढ़ाती है,
ममता की मूरत से जीवन को सजाती है !

आया रे आया रक्षाबंधन का त्यौहार आया !

परिचय :- रूपेश कुमार छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा : स्नाकोतर भौतिकी, इसाई धर्म (डीपलोमा), ए.डी.सी.ए (कम्युटर), बी.एड (महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
निवास : चैनपुर, सीवान बिहार
सचिव : राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान
प्रकाशित पुस्तक : मेरी कलम रो रही है
सम्मान : कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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