अमिता मराठे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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घानू का नशा उतर गया था। वह घर की बालकनी में आराम से बैठे चाय की चुस्की के साथ पेपर पढ़ रहा था। उसकी नजर उन खबरों पर थी जहां दारू के अड्डे पर छापे पड़ रहे थे। कहीं नशा मुक्ति अभियान के तहत महिलाएं जुलूस निकाल रही थी, तो कहीं युवाओं से बच्चों से शपथ दिलवाई जा रही थी। लेकिन घानू मुस्करा रहा था।
‘पार्वती बड़े प्रेम से पति के पास आई और बोली,
देखो जी आज सर्व पितृ अमावस्या है। आप आज के नशे के पैसे बचाकर पितरों के फोटो के लिए फूलो का हार लेकर आयेंगे तो बच्चों को भी समझ पड़ेगी कि ये हमारे पूर्वज है।
घानू ने झिड़क कर जवाब दिया, “क्या दिया पितरों ने जो हार फूल चढ़ाना। जाओ अपना काम करो।”
तुम्हें रहने के लिए छत दी है। कहीं सड़क या नाले के हवाले तो नहीं किया है। तुम्हें पढ़ाया लिखाया काम पर भी लगवा दिया।
“लेकिन ये सौत ने तुम्हें हड़प लिया, जीवन से मुक्ति दिलाने को खड़ी हैं।”
थोड़ा तो लिहाज रखो पितरों का, तो वे पूज्य जिनकी छत के नीचे बैठे हैं हमें संवार लेंगे।
घानू पत्नी के कथन की सच्चाई को गहराई से सोचने लगा।
घानू के चेहरे की ओर देखते ही पत्नी को आशा की किरणें नजर आने लगी। ये कुछ लिहाज रखें तो,
“हे भगवान, तू ही बता, परिवार की जिन्दगी सुधरने में क्या देर लगेगी।” मन ही मन प्रभू को स्मरण करते रसोईघर में चली गई।
परिचय :- अमिता मराठे
निवासी : इन्दौर, मध्यप्रदेश
शिक्षण : प्रशिक्षण एम.ए. एल. एल. बी., पी जी डिप्लोमा इन वेल्यू एजुकेशन, अनेक प्रशिक्षण जो दिव्यांग क्षेत्र के लिए आवश्यक है।
वर्तमान में मूक बधिर संगठन द्वारा संचालित आई.डी. बी.ए. की मानद सचिव।
४५ वर्ष पहले मूक बधिर महिलाओं व अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आकांक्षा व्यवसाय केंद्र की स्थापना की। आपका एकमात्र यही ध्येय था कि महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके। अब तक आपके इंस्टिट्यूट से हजारों महिलाएं सशक्त हो चुकी हैं और खुद का व्यवसाय कर रही हैं।
शपथ : मैं आगे भी आना महिला शक्ति के लिए कार्य करती रहूंगी।
प्रकाशन :
१ जीवन मूल्यों के प्रेरक प्रसंग
२ नई दिशा
३ मनोगत लघुकथा संग्रह अन्य पत्र पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में कहानी, लघुकथा, संस्मरण, निबंध, आलेख कविताएं प्रकाशित राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था जलधारा में सक्रिय।
सम्मान :
* मानव कल्याण सम्मान, नई दिल्ली
* मालव शिक्षा समिति की ओर से सम्मानित
* श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
* मध्यप्रदेश बधिर महिला संघ की ओर से सम्मानित
* लेखन के क्षेत्र में अनेक सम्मान पत्र
* साहित्यकारों की श्रेणी में सम्मानित आदि
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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