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आगे महीना सावन

डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
डौण्डीलोहारा बालोद (छत्तीसगढ़)
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छत्तीसगढ़ी कविता

झिमिर-झिमिर पानी गिरे,
लागे मौसम मन भावन ।
भोले नाथ के जय बोलों,
आगे पावन महीना सावन ।।

देवता मन के देव तोला कईथे,
हे शिव भोले भंडारी ।
पान फूल म ते खुश हो जाथस,
पुजा करे नर-नारी ।।

कतिक करव बखान तोर मेहां,
महिमा हे बड़ भारी ।
जय होवय जय होवय तोर हे,
नाथ डमरू त्रिशुल धारी।।

मन मयूर मोर झूमे नाचे,
संगी करमा ददरिया गावन ।
परसी म बैइठ के बबा मन,
पढ़े गीता अऊ रामायन ।।

गली खोर अब चिखला परगें,
होगे नाली हर रेंगावन ।
सरर-सरर चले पुरवय्या,
आगे पावन महीना सावन ।।

अमरय्या म झूलना बंधागें,
झूले बर लईका मन सब जावन ।
कारी कोयली बन म कुहुके,
पिरोहिल के मधुरस बोली लागे पावन ।।

परिचय :- डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
निवासी : मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा जिला-बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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