डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)
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धरती पर प्रथम आगमन,
हिमालय पर शिवधाम है
यहीं पुण्य सलिला गंगा,
गंगोत्री इसका नाम है।
ब्रह्मा और मनु का भारत,
ध्रुव प्रह्लाद की संतान हैं
आदिकाल से इस धरती का,
मानव इतिहास सनातन है।
कश्मीर से कन्याकुमारी,
है भारत की प्राचीन धरोहर
यह भारत की पुरा संपदा,
रचे प्रकृति ने दृश्य मनोहर।
हेमकुंड और मानसरोवर,
सब भारत के प्राण हैं
पर्वत श्रंखला की घनी घाटियाँ,
पंजाब हमारी शान है।
पाँच नदी का संगम है,
लहराता उत्ताल तिरंगा
अपने भारत का गौरव,
है भारत का भाल तिरंगा।
अमृतसर में अमृत छलके,
वाणी से गुरु नानक की
पूरब में जगनाथ विराजे,
गुजरात धरा सोमनाथ की।
वास्तुकला, प्रस्तर प्रतिमा,
महलों का राजघराना है
वीरों की शक्ति का दर्पण,
अपना राजपूताना है।
कृष्णातट श्री शैल के दर्शन,
शिवपुराण महाभारत में वर्णित
प्रकट मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग,
है शिवशंकर की धरती।
गोवा गोपपुरी या गोपराष्ट्र,
स्कंदपुराण में नाम है
कन्याकुमारी की देवी भवानी,
तमिलनाडु में धाम है।
तमिलनाडु की तमिल संस्कृति,
संस्कृत सी पुरातन है
मदुरई की मीनाक्षी देवी,
प्राचीन मंदिरों का संगम है।
तुंगभद्रा बनी विरासत
कर्नाटक के अंचल की
हम्पी कहता इतिहास,
भारत के पुरातन की।
यूनेस्को ने ‘विश्व धरोहर’
कह इसका सम्मान किया
मंदिर के सुर स्तंभों को लख,
भारत का यशगान किया।
केरल परशुराम की अविषी,
प्रस्तर युग केअवशेष यहाँ
भारत का यह दक्षिण प्रहरी,
प्रकृति मोहक छटा यहाँ।
मणिपुर की चित्रांगदा,
पांडव अर्जुन को ब्याही थी
अरुणाचल उल्लेख महाभारत में,
तपस्थली व्यास ऋषि की थी।
बंगाल है प्राचीन वंगदेश,
देवीदुर्गा की विरासत है
नागधरा,मिज़ोरम, मेघालय,
आर्यों की आसाम अमानत हैं।
परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी
सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर
निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, पी.एच.डी. भाषाविज्ञान
सर्टिफिकेट कोर्स : फ़्रेंच व गुजराती।
पुनः मैं अपने देश को बहुत प्यार करती हूं तथा प्रायः देश भक्ति की कविताएं लिखती हूं जो कि समय की मांग भी है। आजकल देशभक्ति लुप्तप्राय हो गई है। इसके पुनर्जागरण के लिए प्रयत्नशील हूं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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