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अकल्पित असीमित

प्रेम नारायण मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
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प्रभु नाम महिमा अकल्पित असीमित,
इसे तो जगत को बताना पड़ेगा।
कवि इसको लिपिबद्ध करते रहेंगे,
और गायक को फिर इसको गाना पड़ेगा।
प्रभु नाम …
प्रभु नाम पावन है गंगा के जल सा,
तू लग नाम जप में,और डुबकी लगा ले।
तू जग कार्यो के संग सुमिरन में लग जा,
और जग के नियंता की करुणा को पा ले।
अगर जग की माया में चिपका रहा तो,
तुझे भोग योनि में आना पड़ेगा।
प्रभु नाम…
तुझे श्रेष्ठतम योनि ईश्वर ने भेजा,
तो तू श्रेष्ठ कर्मो से प्रभु को रिझा ले।
प्रभु नाम सुमिरन है मुक्ति का साधन,
तू रम राम सुमिरन में, मुक्ति को पा ले।
अगर प्रभु कृपा को गँवायेगा तू तो,
नहीं ज्ञात किस योनि जाना पड़ेगा।
प्रभु नाम…
अनैतिक तरीके से धन यदि कमाया,
तो धन, गाड़ी, बंगला तो तेरा बनेगा।
मगर तेरे बच्चे पले गलत धन से,
तो कोई नहीं योग्य कर्मठ बनेगा।
अभी जाग जा, नाम सुमिरन में रम जा,
नियन्ता सरल है पिघलना पड़ेगा।
प्रभु नाम…

परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा
निवास : जानकीपुरम (लखनऊ)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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