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16 वर्ण तथा 16 मात्राओं का छंद

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रचयिता : डॉ. इक़बाल मोदी

अकबर झटपट चल पनघट पर,
तपन बढ़त अब जल भर कर धर।
चल हट बस अब मत खटपट कर,
मत मर करवट बदल बदल कर।
चलत पवन गरम ,अब सरर सर,
कल कल जल ,हलक कर तरबतर।
अब शबनम शरबत रख भरकर।
मत छलकत छल छल डगमग कर।
छल व कपट मत कर मरघट पर,
रब जप करत तन बदन मल कर।।
कदम दर कदम घर घर तप कर,
भटक भटक कर जनम सफल कर।।

परिचय : नाम – डॉ. इक़बाल मोदी
निवासी :- देवास (इंदौर)
शिक्षा :- स्नातक, (आर.एम्.पी.) वि.वि. उज्जैन
विधा :- ललित लेखन, ग़ज़ल, नज्म, मुक्तक
विदेश यात्रा :- मिश्र, ईराक, सीरिया, जार्डन, कुवैत, इजराइल आदि देशों का भ्रमण
दायित्व :- संरक्षक – पत्र लेखन संघ
सदस्य :- फिल्म राइटर एसोसिएशन मुंबई, टेलीविजन स्क्रीन राइटर एसोसिएशन मुंबई
प्रतिनिधित्व :- विश्व हिंदी सम्मेलन भोपाल


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