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ग्लोबल वार्मिंग

नितिन राघव
बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)

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मानव विज्ञान से खेल गया,
कार्बनडाई ऑक्साइड,
नाइट्रस ऑक्साइड और मेथेन
में वृद्धि कर अब तक गर्मी झेल गया।।

बडा खुश हैं मानव अपने कारनामों से,
आविष्कारों जैसे सुई से वायुयानो से।।

झेल न सकेगा गर्मी और अब मानव,
भविष्य में बनेगी जब यह दानव।।

दानव लेगा अनेक रुप,
मानव हो जायेगा कुरूप।।

प्रथम होगा ऑक्सीजन की कमी,
लगेगा उसको कि साँस अभी थमी।।

द्वितीय होगा ओजोन छिद्र,
पराबैंगनी करेंगी मानव को दरिद्र।।

होंगे कैंसर और त्वचा रोग,
मिलेगा अपने कर्मों का भोग।।

तृतीय होगा फसल उत्पादन गिरावट,
कैसे करेगा मानव अन्न में मिलावट।।

मिलावट का फल एक दिन पाएगा,
बिन अनाज भूखा ही मर जाएगा।।

चतुर्थ होगा हिमखंड पिघलाव,
जम जायेगे पृथ्वी पर बाढ़ के पद पॉंव।।

पृथ्वी जलमग्न हो जाएगी,
मानवता पछता भी ना पाएगी।।

जब ये मुसीबत एक साथ आएगी,
पृथ्वी को यमलोक ले जाएगी।।

पशु-पक्षी और पेड़-पौधों की
मुफ्त में जान जाएगी,
एक दिन मानवता ही
पृथ्वी का अन्त कर जाएगी।।

परिचय :- नितिन राघव
जन्म तिथि : ०१/०४/२००१
जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर
पिता : श्री कैलाश राघव
माता : श्रीमती मीना देवी
शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट डिप्लोमा, सागर ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट बुलन्दशहर से
कार्य : अध्यापन और साहित्य लेखन
पता : गाँव- सलगवां, तहसील- अनूपशहर जिला- बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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