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जीवन है क्या!

डॉ. तेजसिंह किराड़ ‘तेज’
नागपुर (महाराष्ट्र)
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स्मरण के पन्नो से
भरा है जीवन,
सुख और दुःख कि
पहेली है जीवन
कभी अकेले बैठ कर,
चिंतन करके तो देखो,
संबंधों के बगैर
अपूर्ण है यह जीवन !
मन की बातों को
बाहर आने दो,
दबे हुए दर्द को
निकल जाने दो,
मन को आशा के
पंख लगा दीजिए,
तन को चाहत कि
खुशबू से भर दीजिए,
इन लम्हों को जी
भरकर आप जी लीजिए,
कब जिंदगी का अवसान
हो जाए पता नहीं,
इस खुबसूरत जिंदगी को
दोस्त बनाकर जी लीजिए।
हर तरफ तन्हाई –
बेवफाई का आलम है,
कौन किसका साथी है
किसे क्या मालूम है।
चाहत के इस बाजार में
वफ़ा कि उम्मीद क्या,
पलभर के साथी है हम
बंधन का रिश्ता क्या।
हर किसी को पूछता हूं
जिंदगी मायने क्या,
जो जी चुका जिंदगी को
किसी चाहत से उम्मीद क्या।

परिचय :- डॉ. तेजसिंह किराड़ ‘तेज’
मूल निवासी : अमझेरा, जिला धार (म.प्र.)
जन्म दिनांक : १२/११/१९६६
शिक्षा : एम.ए.,एमफिल, पीएच.डी
* वरिष्ठ पत्रकार व राजनीति विश्लेषक
* शिक्षाविद्‌
* भूगोलवेत्ता
* पीएचडी शोध सुपरवाईजर
* कवि, कहानीकार व लेखक
सम्प्रति : (सहायक कुलसचिव ) नागपुर (महाराष्ट्र)
सम्मान : ग्राम गौरव अवार्ड, समाज रत्न सम्मान, समाज भूषण अवार्ड, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, प्रखर प्रवक्ता सम्मान, साहित्य रत्न और साहित्य भूषण सम्मान, यंग ज्याग्राफर्स अवार्ड, क्रांतीकारी लेखक सम्मान, उत्कृष्ट मंच संचालक सम्मान, शब्द अलंकरण सम्मान, सरस्वती मानस सम्मान, उत्कृष्ट समाज सेवक सम्मान आदी सम्मान से सम्मानीत।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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