Saturday, November 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

पर्यावरण बचाना होगा

अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
********************

चारों ओर आवरण दिखता,
पर्यावरण कहाता।
हरा भरा चहुँ ओर आवरण,
मन को खूब सुहाता।

इसके बिना जिंदगी सूनी,
सूना है घर आँगन।
पर्यावरण प्रदूषित हो तब,
सबको होती लाँघन।

हरा-भरा धरती का आँचल,
सबका मन हर लेता।
धनसंपदा रसद भी मिलती,
खाली घर भर देता।

अपना उल्लू सीधा करने,
वृक्ष काटते सारे।
पारा आसमान को छूता,
दिन में दिखते तारे।

रात दिवस चलती रहती है,
अंधाधुंध कटाई।
हम खुद कालिदास बने हैं,
जीवन पड़ा खटाई।

शीतल छाँव नहीं पंथी को,
पंछी नहीं बसेरा।
मोर, पपीहा नहीं दीखते,
घने वृक्ष का डेरा।

धुआँ उगलती चिमनी देखो,
पर्यावरण मिटाती।
दूषित वायु प्रकृति सोख कर,
पल-पल ताप घटाती।

ड़ाल रसायन हम खेती को,
मिलकर बाँझ बनाते।
देख अधिक उत्पादन हम सब,
खुशियाँ साँझ मनाते।

आस्तीन के साँप स्वयं हम,
ड़सते हैं अपनों को।
निज खुशियों में लगा पलीता,
मिटा रहे सपनों को।

गाँव- गाँव और शहर- शहर में,
बीमारी का डेरा।
रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर,
ने हम सब को घेरा।

हर घर में बीमार मिलेंगे,
दुख की होगी छाया।
सारे जीवन पछताओगे,
पेड़ बचा न पाया।

प्राणवायु, फल फूल, छाँव सब,
वृक्षों से मिलती है।
जीवन की हर साँस इसी से,
तबीयत भी खिलती है।

पर्यावरण बनेगा पावन,
जनजीवन महकेगा।
उमड़ घुमड़ बादल आएंगे,
खग समूह चहकेगा।

वेद पुराण उपनिषद ने भी,
वृक्ष महत्ता गाई।
वृक्षों के नीचे ही प्रभु ने,
चौदह बरस बिताई।

पर्यावरण बचाने के हित,
एक पेड़ बाटेंगे।
मिलजुल कर सब करें प्रतिज्ञा,
पेड़ नहीं काटेंगे।

परिचय :अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवासी : निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.एस.सी एम.एड स्वर्ण पदक प्राप्त
सम्प्रति : वरिष्ठ व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक २ निवाड़ी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *