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आत्म निर्भरता

आनंद कुमार पांडेय
बलिया (उत्तर प्रदेश)
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आत्म निर्भरता से हीं तेरा मनोरथ हो सफल।
बांध लो कसके कमर करलो इरादों को अटल।।

विश्व में अपना पताका तुमको लहराना हीं होगा।
जिंदगी की दौड़ में अव्वल तुम्हें आना हीं होगा।
एक हो निर्णय तुम्हारा देश तब होगा प्रबल।
बांध लो कसके कमर करलो इरादों को अटल।।

खुद बनों मालिक तु अपना कह रही माँ भारती।
अपने जीवन रथ का खुद हीं बनना होगा सारथी।।
सोंचने में मत बिताओ अपना सुनहरा आज-कल।
बांध लो कसके कमर करलो इरादों को अटल।।

बेवजह की बात में अपना समय बर्बाद मत कर।
कौन क्या कहता है इन बातों में घूंट-घूंट के न तु मर।।
मेरी इन बातों को तु अपने जीवन में कर अमल।
बांध लो कसके कमर करलो इरादों को अटल।।

कश्मकश जीवन में है इस कश्मकश से तु उबर।
जिंदगी की राह में तुझको तो चलना है निडर।।
कौन है अपना-पराया इस मुसीबत से निकल।
बांध लो कसके कमर करलो इरादों को अटल।।

प्रण तुम्हारा पूर्ण होगा मन में तो विश्वास करले।
आत्म निर्भर होगा भारत अब तु ये एहसास करले।।
सत्य पथ पर चलके हीं “आनंद” होना है सबल।
बांध लो कसके कमर करलो इरादों को अटल।।

आत्म निर्भरता से हीं तेरा मनोरथ हो सफल।
बांध लो कसके कमर करलो इरादों को अटल।।

परिचय :- आनंद कुमार पांडेय
पिता : स्व. वशिष्ठ मुनि पांडेय
माता : श्रीमती राजकिशोरी देवी
जन्मतिथि : ३०/१०/१९९४
निवासी : जनपद- बलिया (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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