हरिदास बड़ोदे “हरिप्रेम”
गंजबासौदा, विदिशा (मध्य प्रदेश)
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स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…।
स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…।
जन-जन गाहे यशगान…,
भाग्यवान है यह राज्य, उज्जवल…, मध्यप्रदेश है।
अतुल्य भारत करे गुणगान, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
मेरा भारत है महान्, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…।।शान-ए-हिन्दुस्तान मेरा, सौंदर्य हृदयप्रदेश यह।
अखंड भारत में विशेष यह, स्वराज्य सर्वश्रेष्ठ है।
नवयुग का अनुपम सृजन, सर्वांगीन उत्थान यहां।
रोशन मध्यप्रदेश यह, तारीफ-ए-हिन्दुस्तान है।
जन-जन गाहे यशगान…,
लोकप्रिय है यह राज्य, सुखद…, मध्यप्रदेश है।
अतुल्य भारत करे गुणगान, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
मेरा भारत है महान्, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…।।स्वास्थ्य-शिक्षा-संस्कार, समुदाय का अधिकार यह।
समृद्ध मध्यभारत में, स्वच्छ-साक्षर अभियान है।
अभूतपूर्व गणराज्य में, लोकतंत्र का सम्मान यहां।
निर्मल ग्राम-शहर में, सम्पन्न विकास उल्लास है।
जन-जन गाहे यशगान…,
प्रगतिशील है यह राज्य, मनोरम…, मध्यप्रदेश है।
अतुल्य भारत करे गुणगान, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
मेरा भारत है महान्, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…।।प्रथम सेवा ही जन सेवा, सुशासन का उपदेश यह।
सर्वधर्म सत्कार प्रथा-पर्व, आनंद का समागम है।
वैभवपूर्ण सकल वर्ग, भारतवर्ष में सब एक यहां।
सदभाव-एकता-भाईचारा, शांति का संदेश है।
जन-जन गाहे यशगान…,
शांतप्रिय है यह राज्य, कुशल…, मध्यप्रदेश है।
अतुल्य भारत करे गुणगान, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
मेरा भारत है महान्, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…।।राष्ट्र अपना स्वर्ण-चिड़िया, हमारा योगदान सदा।
जनहित में राष्ट्रप्रेम का, व्यापक प्रचार-प्रसार हैं।
क्षण-क्षण में सौगात, कीर्ति-राज्य की गुणगान जहां।
स्वतंत्र राज्य शिखर पर, हर्षबुलंद सरताज है।
जन-जन गाहे यशगान…,
सर्वदा निर्भय है यह राज्य, उत्कृष्ट…, मध्यप्रदेश है।
अतुल्य भारत करे गुणगान, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
मेरा भारत है महान्, स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है।
स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…।
स्वर्णिम, मध्यप्रदेश है…।।
परिचय :- हरिदास बड़ोदे “हरिप्रेम”
निवासी : गंजबासौदा, जिला- विदिशा (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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