नितिन राघव
बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)
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एक गरीब परिवार था जिसमें चार बहनें और चार भाई थे। जिस कारण केवल लड़कों को ही स्कूल भेजा गया, लड़कियों को नहीं। लड़के सुबह स्कूल जाते थे और लड़कियां पशुओं को लेकर जंगल में चराने जाती थी। धीरे-धीरे सभी लड़कों ने इंटरमीडिएट की परिक्षाएं पास कर ली। सभी लड़कों की शादी करा दी गई। कुछ दिन बाद चारो लड़कियों में से सबसे बड़ी लड़की चम्ची का विवाह रसोईपुर में रहने वाले युवक चम्चे से करा दिया गया। चम्चे के पास एक बड़ा घर तथा अच्छी जमीन जायदाद थी। चम्ची के चार-पांच साल तो बहुत ख़ुशी-ख़ुशी गुज़रे परन्तु चम्चा अब शराब पीने लगा था। उसने धीरे-धीरे घर की सारी जमीन बेच दी। चम्ची ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया जिनमें एक लडका और एक लड़की थी। बच्चे भी बड़े हो रहे थे। दोनों बच्चे दस साल के हो चुके थे। वह इतनी शराब पीने लगा था कि कुछ ही दिनों में शराब के लिए उसने अपना घर भी बेच दिया। चम्ची अपने बच्चों सहित सड़क पर आ गई। उसने अपने मां-बाप से मदद मांगी और एक किराये के मकान में अपने बच्चों और पति को लेकर रहने लगी। चम्चा सुधरने वाला नहीं था। एक दिन चम्चे ने इतनी शराब पी ली कि उसकी मृत्यु हो गई। चम्ची पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वह और उसके बच्चे अकेले हों गये। चम्ची के मां-बाप ने उससे कहा कि हमारे साथ चल, यहां अकेली कब तक रहेगी परन्तु वह बोली कि मैं आप पर भी कब तक बोझ बनी रहूंगी। उसने कहा कि आप जाइए। मैं स्वयं कमाकर अपने बच्चों को पालूंगी। चम्ची अनेक कम्पनियों में काम मांगने गयी परन्तु जब वहां उससे उसकी पढ़ाई लिखाई के बारे में पूछा जाता तो उस पर कोई जबाव नहीं बनता। एक महीने भटकने के बाद भी उसे काम नहीं मिला परन्तु वह हार मानने वाली नहीं थी। उसने लोगों के घर-घर जाकर बर्तन धोना शुरू कर दिया क्योंकि इस काम के लिए किसी पढाई की जरूरत नहीं होती। इस प्रकार वह अपने बच्चों को पालती रही। उसके मां-बाप ने फोन पर कहा, “बेटी!” कोई मदद भेजें। उसने कहा, “काश!” ये मदद आपने मुझे पढा कर की होती।
जन्म तिथि : ०१/०४/२००१
जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर
पिता : श्री कैलाश राघव
माता : श्रीमती मीना देवी
शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट डिप्लोमा, सागर ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट बुलन्दशहर से
कार्य : अध्यापन और साहित्य लेखन
पता : गाँव- सलगवां, तहसील- अनूपशहर जिला- बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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