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अखिल भारतीय साहित्य परिषद् धार का “अनूप सारस्वत सम्मान” एवं काव्य समारोह संपन्न।

धार/नौगांव। अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई धार के तत्वावधान में कविवर स्व. बाबू लाल परमार ‘अनूप’ नौगाँव धार की समृति में दिनांक १५ मार्च २०२२ को आयोजित तृतीय “अनूप सारस्वत सम्मान एवं काव्य समारोह” प्रसिद्ध ग़ज़लकार श्री नवीन माथुर “पंचोली” अमझेरा के मुख्य आतिथ्य, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक श्री पवन मकवाना इन्दौर की अध्यक्षता, रेनेसा यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष, दिव्योत्थान एजुकेशन एण्ड सोशल वेलफ़ेयर सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ. दीपमाला गुप्ता इन्दौर के विशिष्ट आतिथ्य में श्री गुजराती रामीमाली धर्मशाला नौगाँव के सभागार में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, पूजन एवं माल्यार्पण से हुआ। सरस्वती वन्दना कवयित्री श्रीमती आभा “बेचैन” ने सस्वर प्रस्तुत की। तत्पश्चात अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिला अध्यक्ष, और परिषद के प्रचार सचिव लक्ष्मीकान्त परमार ने माल्यार्पण कर मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि नवीन माथुर पंचोली को शाल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह और सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

  

सारस्वत सम्मान के लिए आमंत्रित श्री पंचोली के साहित्यिक परिचय और सम्मान पत्र का वाचन अ.भा.सा.प. के जिला महा सचिव श्री श्याम शर्मा ने किया, तथा स्व. बाबूलाल परमार के जीवन पर लिखित लेख का वाचन शिक्षाविद डॉ. श्री कान्त द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर अपने आशीर्वचन में श्री पंचोली ने आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज किया गया यह सम्मान मेरा सम्मान नहीं। मेरी रचनाओं का सम्मान है। कार्यक्रम में श्री गुजराती माली समाज नौगाँव के अध्यक्ष मुकेश मकवाना और नवयुवक सहकारी साख समिति नौगाँव के अध्यक्ष श्री गेंदालाल टाकोलिया भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन थे। इन्होंने भी समरोह को सम्बोधित किया। मंचासीन समस्त अतिथियों को गौरव पुष्प एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री पवन मकवाना ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सम्मान समारोह की सराहना करते हुए आयोजक अ.भा.सा.प. जिला इकाई धार के प्रति धन्यवाद पारित किया। इसके पश्चात काव्य पाठ भी किया गया जिसमें कार्यक्रम के प्रायोजक एवं कविर स्व. बाबूलाल परमार के सुपुत्र लक्ष्मीकान्त परमार ने अपने पिता द्वारा रचित कतिपय रचनाएँ प्रस्तुत की। कार्यक्रम में आमंत्रित रचनाकार हरिहरदत्त शुक्ल, डॉ.श्री कान्त द्विवेदी, आभा “बेचैन”, पूर्णिमा “पूनम”, श्रीमती अर्पणा जोशी, शरद जोशी “शलभ” धार ने अपनी उत्कृष्ट रचनाएँ प्रस्तुत की।
श्री ईश्वर “नकोई”, डॉ.. राघवेंद्र तिवारी, नन्द किशोर बावनिया, कमल पांचाल, नन्द किशोर उपाध्याय भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सुन्दर छायाकंन हनी पंचोली अमझेरा ने किया। कार्यक्रम में आमंत्रित समस्त अतिथियों, रचनाकारों और श्रोताओं केे प्रति आभार अ.भा.सा.प. जिला इकाई धार के जिला अध्यक्ष शरद जोशी “शलभ” ने अभिव्यक्त किया। इस समस्त कार्यक्रम का सुन्दरतम संचालन कवयित्री श्रीमती अर्पणा जोशी इन्दोर ने किया। ललित संचालन के स्वरूप इनका सम्मान भी पुष्प गुच्छ और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर किया गया।


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