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ये जिंदगी भी ना

शत्रुहन सिंह कंवर
चिसदा (जोंधरा) मस्तुरी
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ये जिंदगी भी ना
क्या से क्या कराती है
मुश्किल वक्त पर
इशारे पर नाच नचाती है
करवाएं बदल-बदल कर
फिर खून की आंसू सुलगाती है
सोच-सोच के ये मन घबराए
चैन कहा अब बेचैनी जो छाए
रामरहीम अब सब तेरे वास्ते
जिंदगी की बागड़ोर अब तू ही संभाले।

परिचय : शत्रुहन सिंह कंवर
निवासी :  चिसदा (जोंधरा) मस्तुरी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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