Wednesday, December 18राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दर्द उनका संभालते रहना

आलोक रंजन त्रिपाठी “इंदौरवी”
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************

दर्द उनका संभालते रहना
कोई मुद्दा उछलते रहना

मां का बच्चा ये बहुत प्यारा है
इसको हरदम दुलारते रहना

जो मुसीबत में फंसे हैं देखो
ग़म से उनको उबारते रहना

फर्ज की बात बस करो मुझसे
अब तो खुद को तरासते रहना

मां बड़ी है जहान दुनिया में
उसको हरदम दुलारते रहना

गलतियां जब भी तुमसे हो जाए
हर कदम पर सुधारते रहना

खूब इज्जत कमा सको रंजन
रब से इतना पुकारते रहना

परिचय :- आलोक रंजन त्रिपाठी “इंदौरवी”
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एमए (हिंदी साहित्य)
लेखन : गीत, गजल, मुक्तक, कहानी, तुम मेरे गीतों में आते प्रकाशन के अधीन, तीन साझा संग्रह में रचनाएं प्रकाशित, १० से ज्यादा कहानियां पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, ५० से ज्यादा गीत के चल पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, २०१६ से लेखन में अभिरुचि
विशेष : आध्यात्मिक प्रवक्ता एस्ट्रोलॉजर
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *