Tuesday, December 3राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मैं शिवा तुम्हारी

निरुपमा मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
********************

तुम हो शिव मैं शिवा तुम्हारी,
प्रेम संगिनी प्रेम रागिनी।
तुम हो शिव…..

जब तुम करते नृत्य मनोहर,
पग थिरके डमरू के स्वर पर,
भाव भंगिमा सुंदर चितवन,
करे प्रफुल्लित देवों का मन,
तब नर्तक नटराज की गौरी,
समा जाए मुद्रा में तेरी।
तुम हो शिव……

जब तुम करते जग का चिंतन,
कष्ट देख व्यथित होता मन,
जन कल्याण हेतु दुख भंजन,
तज कर सर्प चन्द्र का बंधन,
रत समाधि होते त्रिपुरारी,
तब मैं बनती साधना तुम्हारी।
तुम हो शिव……..

जब होता सागर का मंथन,
विष को देख करे जग क्रंदन,
सब मिल करें प्रार्थना तुम्हारी,
सुन लो शिव वंदना हमारी,
नहीं रुके पल भर को शंकर,
विषपान करें अंजुल भर कर,
हुआ कंठ जब नील तुम्हारा,
कर रखकर कर विष रोका सारा,
तुम पीड़ा से मौन हो गए,
तब मैं बन गई वेदना तुम्हारी।
तुम हो शिव मैं शिवा तुम्हारी।

परिचय :- निरुपमा मेहरोत्रा
जन्म तिथि : २६ अगस्त १९५३ (कानपुर)
निवासी : जानकीपुरम लखनऊ
शिक्षा : बी.एस.सी. (इलाहाबाद विश्वविद्यालय)
साहित्यिक यात्रा : कहानी संग्रह ‘उजास की आहट’ सन् २०१८ में प्रकाशित। अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्था द्वारा प्रति वर्ष प्रकाशित कहानी संकलनों में कहानियां प्रकाशित। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानी, कविता, यात्रा वृत्तांत तथा लेख प्रकाशित।
सम्प्रति : भारतीय स्टेट बैंक से सन् २०१३ में सेवानिवृत्ति के पश्चात स्वतंत्र लेखन एवं सामाजिक संस्था ‘श्री महिला शक्ति मंडल फाउंडेशन लखनऊ’ के माध्यम से सामाजिक सरोकारों से जुड़ाव।
सम्मान : लोपामुद्रा सम्मान- २०१८
घोषणा पत्र : यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *